Hindi, asked by vernika0312, 3 days ago

vriksh hamare mitr vishay par nibandh likhey

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Answered by garimazz30p
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Answer:

आशा करती हूं मेरा उत्तर आपकी सहायता करेगा

वृक्ष हमारे मित्र

वृक्ष हमारे पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के साथ मित्र भी हैं, क्योंकि सच्चा मित्र की मित्रता निस्वार्थ होती है। ऐसे ही पेड़-पौधे होते हैं। वे निस्वार्थ रूप से हमको ऑक्सीजन, फल, लकड़ी देते हैं। यह कहना है पर्यावरण रक्षा समिति पलवल के अध्यक्ष बिजेंद्र पाठक का। अपनी संस्था के माध्यम से वह 500 से अधिक पौधे लगा चुके हैं तथा दूसरों को भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं।

वृक्ष हमारे पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के साथ मित्र भी हैं, क्योंकि सच्चा मित्र की मित्रता निस्वार्थ होती है। ऐसे ही पेड़-पौधे होते हैं। वे निस्वार्थ रूप से हमको ऑक्सीजन, फल, लकड़ी देते हैं। यह कहना है पर्यावरण रक्षा समिति पलवल के अध्यक्ष बिजेंद्र पाठक का। अपनी संस्था के माध्यम से वह 500 से अधिक पौधे लगा चुके हैं तथा दूसरों को भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं।उनका कहना है कि पर्यावरण को बचाए रखना हम लोगों का परम कर्तव्य है। वृक्ष से ही समय पर वर्षा होती है, जो कृषि कार्यों में सहायक होती है। उनका कहना है कि आज की बिगड़ते हालत के लिए मुख्य रूप से हम सभी जिम्मेदार हैं। अंधाधुंध हरे-भरे पेड़ों की कटाई से पर्यावरण पूरी तरह से दूषित हो गया है, जिसका दुष्परिणाम देखने को भी मिल रहा है। एक वृक्ष लगाना कई संतानों के बराबर होता है। पौधों का संरक्षण करना हम सब का नैतिक दायित्व है। हम सभी जब इस कार्य में लगेंगे तो सरकार की मंशा के अनुरूप पौधारोपण के परिणाम मिलेंगे। बगैर पेड़ पौधों के वर्षा कम होती है। हमें पूरी निष्ठा और इमानदारी के साथ पौधारोपण कर उन्हें वृक्ष बनाने तक ध्यान रखना होगा।

वृक्ष हमारे पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के साथ मित्र भी हैं, क्योंकि सच्चा मित्र की मित्रता निस्वार्थ होती है। ऐसे ही पेड़-पौधे होते हैं। वे निस्वार्थ रूप से हमको ऑक्सीजन, फल, लकड़ी देते हैं। यह कहना है पर्यावरण रक्षा समिति पलवल के अध्यक्ष बिजेंद्र पाठक का। अपनी संस्था के माध्यम से वह 500 से अधिक पौधे लगा चुके हैं तथा दूसरों को भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं।उनका कहना है कि पर्यावरण को बचाए रखना हम लोगों का परम कर्तव्य है। वृक्ष से ही समय पर वर्षा होती है, जो कृषि कार्यों में सहायक होती है। उनका कहना है कि आज की बिगड़ते हालत के लिए मुख्य रूप से हम सभी जिम्मेदार हैं। अंधाधुंध हरे-भरे पेड़ों की कटाई से पर्यावरण पूरी तरह से दूषित हो गया है, जिसका दुष्परिणाम देखने को भी मिल रहा है। एक वृक्ष लगाना कई संतानों के बराबर होता है। पौधों का संरक्षण करना हम सब का नैतिक दायित्व है। हम सभी जब इस कार्य में लगेंगे तो सरकार की मंशा के अनुरूप पौधारोपण के परिणाम मिलेंगे। बगैर पेड़ पौधों के वर्षा कम होती है। हमें पूरी निष्ठा और इमानदारी के साथ पौधारोपण कर उन्हें वृक्ष बनाने तक ध्यान रखना होगा।----

वृक्ष हमारे पर्यावरण को शुद्ध बनाए रखने के साथ मित्र भी हैं, क्योंकि सच्चा मित्र की मित्रता निस्वार्थ होती है। ऐसे ही पेड़-पौधे होते हैं। वे निस्वार्थ रूप से हमको ऑक्सीजन, फल, लकड़ी देते हैं। यह कहना है पर्यावरण रक्षा समिति पलवल के अध्यक्ष बिजेंद्र पाठक का। अपनी संस्था के माध्यम से वह 500 से अधिक पौधे लगा चुके हैं तथा दूसरों को भी पौधे लगाने के लिए प्रेरित करते हैं।उनका कहना है कि पर्यावरण को बचाए रखना हम लोगों का परम कर्तव्य है। वृक्ष से ही समय पर वर्षा होती है, जो कृषि कार्यों में सहायक होती है। उनका कहना है कि आज की बिगड़ते हालत के लिए मुख्य रूप से हम सभी जिम्मेदार हैं। अंधाधुंध हरे-भरे पेड़ों की कटाई से पर्यावरण पूरी तरह से दूषित हो गया है, जिसका दुष्परिणाम देखने को भी मिल रहा है। एक वृक्ष लगाना कई संतानों के बराबर होता है। पौधों का संरक्षण करना हम सब का नैतिक दायित्व है। हम सभी जब इस कार्य में लगेंगे तो सरकार की मंशा के अनुरूप पौधारोपण के परिणाम मिलेंगे। बगैर पेड़ पौधों के वर्षा कम होती है। हमें पूरी निष्ठा और इमानदारी के साथ पौधारोपण कर उन्हें वृक्ष बनाने तक ध्यान रखना होगा।----सभी लोगों को पौधारोपण अभियान में साथ देना चाहिए। सभी को कम से कम एक पौधा अवश्य लगाना चाहिए व इसकी देखभाल भी करना चाहिए। तभी पर्यावरण सुरक्षित रहेगा व क्षेत्र में हरियाली रहेगी।

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