What does a teacher do for the world essay writing in hindi
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Explanation:
एक विद्यार्थी के जीवन में शिक्षक एक ऐसा महत्वपूर्ण इंसान होता है जो अपने ज्ञान, धैर्य, प्यार और देख-भाल से उसके पूरे जीवन को एक मजबूत आकार देता है। यहाँ दिये गये प्रत्येक निबंध एक विद्यार्थी के जीवन में एक शिक्षक के महत्व को रेखांकित करता है साथ ही उसकी भूमिका को भी स्पष्ट करेगा। ये निबंध बेहद सरल और अलग-अलग शब्द सीमाओं में दिये गये हैं जिसका उपयोग विद्यार्थी अपनी आवश्यकतानुसार कर सकते हैं।
इस दुनिया में शिक्षक के पेशे को सबसे अच्छे और आदर्श पेशे के रुप में माना जाता है क्योंकि शिक्षक किसी के जीवन को बनाने में निस्वार्थ भाव से अपनी सेवा देते हैं। उनके समर्पित कार्य की तुलना किसी अन्य कार्य से नहीं की जा सकती। शिक्षक वो होते हैं, जो अपने सभी विद्यार्थियों का ध्यान रखते हैं। वो उनके खाने की आदत, स्वच्छता का स्तर, दूसरों से व्यवहार और पढ़ाई की ओर एकाग्रता की जाँच करते हैं।
बच्चों को बीमारियों से बचाने के लिये वो हर हफ्ते अपने बच्चों के नाखूनों को कटवाते हैं जिससे स्वच्छता और साफ-सफाई की आदत को उनके अंदर बनाये रखा जा सके। शिक्षक स्कूलों में हर चौथे महीने में स्वास्थ्य कैंप का आयोजन करते हैं जिससे विद्यार्थियों का वजन, कद, बौद्धिक स्तर, रक्तचाप, हृदय गति, फेफड़ों की क्षमता, खून की जाँच, पेशाब की जाँच, छोटी माता प्रतिरक्षण, एमएमआर के लिये प्रतिरक्षा, चेचक, डीपीटी बूस्टर खुराक, पोलियो ड्रॉप आदि की नियमित जाँच हो सके और उनका स्वास्थ्य रिकार्ड रखा जाये।
Answer:
शिक्षक वे हैं जो हमें गिरते हुए पकड़ते हैं और हमें जीवन का सबसे महत्वपूर्ण सबक देते हैं। शायद यह समाज के लिए उनके योगदान की एक छोटी मान्यता है कि प्रत्येक वर्ष 5 सितंबर को राष्ट्र शिक्षक दिवस मनाता है। शिक्षक दिवस पर स्कूलों में कई प्रोग्राम आयोजित किये जाते है, यह दिन स्कूलों में एक उत्सव का दिन है। शिक्षक दिवस पर पर स्कूल में वरिष्ठ छात्र शिक्षक के रूप में तैयार होते हैं और जूनियर कक्षाओं के छात्रों को पढ़ाते हैं। समारोह पूरे दिन आयोजित किए जाते हैं और आमतौर पर स्कूलों को कुछ विशेष गतिविधियों के साथ सजाया जाता है।
एक्चुएल हों या वर्चुएल, गुरुओं की भरमार है, शिक्षार्थी आज जितनी तरह के गुरुओं, ज्ञान स्रोतों से ज्ञानार्जन कर रहा है वैसा पहले कभी नहीं था, गुरुओं की भूमिका अचानक बदली है और वे नयी चुनौतियों से दरपेश हैं, गुरुओं के लिये यह गरिमा का समय है तो गाढ़ा वक्त भी है। समय की बलिहारी है, गुरु जो देव स्वरूप दुर्लभ थे आज गली-गली चहुंओर हैं। आज हर विद्यार्थी, शिक्षार्थी, ज्ञान साधक और जिज्ञासु शोधकर्ता दतात्रेय बना हुआ है। सबके हिस्से कई कई गुरु हैं। अंधेरे से निकलकर प्रकाश की ओर ले जाने वाला या कहें अपनी शिक्षा की रोशनी से जीवन-पथ आलोकित करने वाले गुरुओं की आज जितनी भरमार है कभी नहीं थी। कुछ एक्चुअल हंै तो कुछ वर्चुएल। कुछ मुख्य हैं तो कुछ सहायक तो कई अतिरिक्त। कभी जीवन-पथ प्रकाश से रोशन हेतु एक दो अथवा कुछ गुरु ही पर्याप्त थे या उन्हीं से काम चलाना पड़ता था। आज अनगिनत हैं तो जीवन-पथ जगमग ही नहीं चकाकौंध हो गया है। इस चुंधियाई अवस्था में यह समझना और फैसला करना मुश्किल है कि हम जो चाहते थे वह या नहीं चाहते थे वह बनाने में किस गुरु का योगदान कितना है?
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