what does it rain in Neptune ???
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This "diamond rain" would convert potential energy into heat and help drive the convection that generates Neptune's magnetic field. ... Experiments looking for conversion of methane to diamonds found weak signals and did not reach the temperatures and pressures expected in Uranus and Neptune.
नई दिल्ली। धरती पर रहने वाला करीब करीब हर इंसान यह जानता है कि हीरे कितने कीमती होते हैं। कई लोगों की तो जीवन भर की पूंजी केवल एक हीरा खरीदने में ही खत्म हो जाती है। ऐसे में अगर आपसे कोई कहे कि हमारे सौरमंडल में दो ग्रह ऐसे हैं, जहां हीरों की बारिश होती है, तो आप तुरंत ही उन ग्रहों का नाम जानना चाहेंगे। यह सच है कि हमारे सोलर सिस्टम में दो ऐसे ग्रह शामिल हैं जहां हीरे की बारिश होती है। यह ग्रह हैं नेप्ट्यून और यूरेनस।
यह दावा करते हुए वैज्ञानिकों ने कहा है कि यूरेनस और नेप्ट्यून में पानी नहीं, बहुमूल्य रत्न हीरे की बारिश होती है और ऐसा हाल ही पिछले कुछ दिनों में वहां हो रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन दोनों ही ग्रहों के अंदरूनी भागों में एट्मॉस्फियरिक प्रेशर बहुत ज्यादा होता है, जिसकी वजह से हाइड्रोजन और कार्बन के बॉन्ड टूट जाते हैं।
यही वजह है कि इन ग्रहों पर हीरों की बारिश होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले हजार सालों से ये हीरे धीरे-धीरे इन प्लेनेट्स की बर्फीली सतह पर जमा हरे रहे हैं। आपको बता दें कि इन दोनों ही ग्रहों की संरचना पृथ्वी से बहुत अलग है। इन ग्रहों पर हाइड्रोजन और हीलियम जैसी गैसों का दबदबा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन ग्रहों के भीतरी भाग से लगभग ६२०० मील अंदर अत्याधिक दबाव होता है। यही वजह है कि इन ग्रहों पर हीरों की बारिश होती है।
दरअसल हमारे एनवायर्नमेंट में एटमॉस्फियरिक प्रेशर होता है। इसके जरिए वॉटर वेपर्स का कंडेन्सेशन होता है और इसी तरह आसमान में बादल बारिश और ओले बनकर धरती पर गिरते हैं। नेप्ट्यून और यूरेनस के एटमॉस्फियर में मिथेन है और उसे प्रेशराइज्ड करने पर हाइड्रोजन अलग हो जाता है और कार्बन डायमंड यानी कि हीरे की शक्ल ले लेता है।
Hope it helpa
नई दिल्ली। धरती पर रहने वाला करीब करीब हर इंसान यह जानता है कि हीरे कितने कीमती होते हैं। कई लोगों की तो जीवन भर की पूंजी केवल एक हीरा खरीदने में ही खत्म हो जाती है। ऐसे में अगर आपसे कोई कहे कि हमारे सौरमंडल में दो ग्रह ऐसे हैं, जहां हीरों की बारिश होती है, तो आप तुरंत ही उन ग्रहों का नाम जानना चाहेंगे। यह सच है कि हमारे सोलर सिस्टम में दो ऐसे ग्रह शामिल हैं जहां हीरे की बारिश होती है। यह ग्रह हैं नेप्ट्यून और यूरेनस।
यह दावा करते हुए वैज्ञानिकों ने कहा है कि यूरेनस और नेप्ट्यून में पानी नहीं, बहुमूल्य रत्न हीरे की बारिश होती है और ऐसा हाल ही पिछले कुछ दिनों में वहां हो रहा है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इन दोनों ही ग्रहों के अंदरूनी भागों में एट्मॉस्फियरिक प्रेशर बहुत ज्यादा होता है, जिसकी वजह से हाइड्रोजन और कार्बन के बॉन्ड टूट जाते हैं।
यही वजह है कि इन ग्रहों पर हीरों की बारिश होती है। विशेषज्ञों का मानना है कि पिछले हजार सालों से ये हीरे धीरे-धीरे इन प्लेनेट्स की बर्फीली सतह पर जमा हरे रहे हैं। आपको बता दें कि इन दोनों ही ग्रहों की संरचना पृथ्वी से बहुत अलग है। इन ग्रहों पर हाइड्रोजन और हीलियम जैसी गैसों का दबदबा है। वैज्ञानिकों का मानना है कि इन ग्रहों के भीतरी भाग से लगभग ६२०० मील अंदर अत्याधिक दबाव होता है। यही वजह है कि इन ग्रहों पर हीरों की बारिश होती है।
दरअसल हमारे एनवायर्नमेंट में एटमॉस्फियरिक प्रेशर होता है। इसके जरिए वॉटर वेपर्स का कंडेन्सेशन होता है और इसी तरह आसमान में बादल बारिश और ओले बनकर धरती पर गिरते हैं। नेप्ट्यून और यूरेनस के एटमॉस्फियर में मिथेन है और उसे प्रेशराइज्ड करने पर हाइड्रोजन अलग हो जाता है और कार्बन डायमंड यानी कि हीरे की शक्ल ले लेता है।
Hope it helpa
YogamayaP:
thanks
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