what is a earth in hindi
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Earth in hindi is called PRITHVI
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पृथ्वी अंग्रेजी में "अर्थ" कहते हैं, हमारी जन्मभूमि है इसे हम अपनी माता भी कह सकते हैैं क्योंकि हम इधर ही जन्म हुए और यहीं पर बढ़े हुए। पृथ्वी को धरती कहते हैं।
पृथ्वी में 71 प्रतिशत पानी और 29 प्रतिशत स्थल भाग है। पृथ्वी अलग-अलग किस्म के जीवो का समूह है। नाइट्रोजन और ऑक्सीजन भारी मात्रा में है तथा कार्बन डाइऑक्साइड कम मात्रा में है। ऑक्सीजन ही है जो हमारे निश्वास में काम आता है। यहां पर रहे पौधे और पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड लेकर ऑक्सीजन देते हैं तथा रहने वाले हर जीव को खाद्य देते हैं। और हम इनको कार्बन डाइऑक्साइड और कभी खबर पानी देकर इनका ख्याल रखते हैं। इसी तरह धरती में हम एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। इसी तरह धरती में जीवन चलती रहती है।
पर हम मनुष्य इसी जीवन पर बाधा डालने अपनी धरती को प्रदूषित कर रहे हैं। पृथ्वी के जो सुंदर वायुमंडल थी उसको हम जैसे मनुष्य ने बिगाड़ कर खराब तथा अशुद्ध बना दिया जो कि किसी भी जीव के निवास के लिए असंभव है। इसीलिए हम कुछ जीवों की जाति को हाथ से गवा कर उन्हें सदा अलविदा कर चुके हैं। इसीलिए धरती में इतने परिवर्तन आ गए जो उसको एक स्वर्ग से नर्क में परिवर्तन कर गई। शुद्ध जमीन अशुद्ध में परिवर्तन हो गई। पीने का पानी जहर हो गया। ऑक्सीजन की मात्रा कम होकर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने लगी। ऐसे ऐसे ही यह सब पृथ्वी को तहस-महस के कगार पर ला खड़ा कर चुका है और लगता है कि इसका अंत दूर नहीं। इसीलिए मैं यह कहना चाहूंगा कि अपने धरती को हर तरीके से साफ और शुद्ध रखना चाहिए ताकि हम मनुष्य और बाकी जीव आगे की पीढ़ी को खुशाल रख सकें।
पृथ्वी में 71 प्रतिशत पानी और 29 प्रतिशत स्थल भाग है। पृथ्वी अलग-अलग किस्म के जीवो का समूह है। नाइट्रोजन और ऑक्सीजन भारी मात्रा में है तथा कार्बन डाइऑक्साइड कम मात्रा में है। ऑक्सीजन ही है जो हमारे निश्वास में काम आता है। यहां पर रहे पौधे और पेड़ कार्बन डाइऑक्साइड लेकर ऑक्सीजन देते हैं तथा रहने वाले हर जीव को खाद्य देते हैं। और हम इनको कार्बन डाइऑक्साइड और कभी खबर पानी देकर इनका ख्याल रखते हैं। इसी तरह धरती में हम एक दूसरे पर निर्भर होते हैं। इसी तरह धरती में जीवन चलती रहती है।
पर हम मनुष्य इसी जीवन पर बाधा डालने अपनी धरती को प्रदूषित कर रहे हैं। पृथ्वी के जो सुंदर वायुमंडल थी उसको हम जैसे मनुष्य ने बिगाड़ कर खराब तथा अशुद्ध बना दिया जो कि किसी भी जीव के निवास के लिए असंभव है। इसीलिए हम कुछ जीवों की जाति को हाथ से गवा कर उन्हें सदा अलविदा कर चुके हैं। इसीलिए धरती में इतने परिवर्तन आ गए जो उसको एक स्वर्ग से नर्क में परिवर्तन कर गई। शुद्ध जमीन अशुद्ध में परिवर्तन हो गई। पीने का पानी जहर हो गया। ऑक्सीजन की मात्रा कम होकर कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा बढ़ने लगी। ऐसे ऐसे ही यह सब पृथ्वी को तहस-महस के कगार पर ला खड़ा कर चुका है और लगता है कि इसका अंत दूर नहीं। इसीलिए मैं यह कहना चाहूंगा कि अपने धरती को हर तरीके से साफ और शुद्ध रखना चाहिए ताकि हम मनुष्य और बाकी जीव आगे की पीढ़ी को खुशाल रख सकें।
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