Hindi, asked by komi1, 1 year ago

What is beti bachao and beti padavo


pahiroy1221: do u need the meaning
pahiroy1221: or anything else

Answers

Answered by ishaqzaade10
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ क्या है  ???

बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ एक अभियान है जो की हमारी प्रधानमंत्री द्वारा चलाया जा रहा है इसमें उन लड़कियों को पढ़ाया जा रहा है जो की पढ़ लिख नहीं सकती जो आर्थिक तौर पर कमज़ोर है जैसे गाओ के लोग जो की ज़यदा पढ़ लिख नहीं सकते उनकी बेटियो को इस अभियान के द्वारा पढ़ाया जा रहा है और इससे भारत एक नए बदलाव के तरफ बढ़ रहा है 

प्रधानमंत्री ने हरिणाया के पानीपत में ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ कार्यक्रम की शुरुआत की ...

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने आज भारत के लोगों ने एक भावनात्मक अपील करतेहुए कहा कि वो “बेटियों के जीवन की भीख मांगने के लिए एक भिक्षुक के रूप मेंआया हूं।” उन्होंने राष्ट्रीय कार्यक्रम “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” की शुरुआत केअवसर पर हरियाणा के पानीपत में एक विशाल जनसभा, जिसमें अधिकांशमहिलाएं थीं, को संबोधित करते हुए ये बात कही।

उन्होंने कहा कि जब तक हमारीमानसिकता 18वीं सदी की है, हमें खुद को 21वीं सदी का नागरिक कहने का कोईअधिकार नहीं। इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने बेटे और बेटियों के बीच भेदभाव कोखत्म करने का आह्वान किया। ऐसा करके ही कन्या भ्रूण हत्या को रोका जासकता है।

बेटी बचाओ बेटो पढाओं एक ऐसी योजना हैं जिसके जरिये देश के बेटियों की स्थिती मजबूत होगी | बेटा – बेटी के बीच का भेद मिटेगा |और मनुष्य जाति को आभास होगा कि एक बेटी में भी वही गुण हैं जो बेटे में हैं | फर्क परवरिश एवम दृष्टिकोण का हैं | अतः बेटी बचाओ बेटी पढाओं योजना का सहयोग करे और बेटी के अनुपात को बढायें
Answered by saniarisha
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तोह आज का निबद्ध का विषय है "बेटी पदाओ बेटी बचाओ".यह विषय काफी मज़ेदार है. में सिर्फ ज़रूरी बात लिखूंगी.अगर आपको एस्से ज़्यादा चाहिए तोह आप उसे कृपया करके बड़ा लीजिये गा.

असलमें यह एक अभियान है.इसे हमारे देश के प्रधान मंत्री, नरेंद्र मोदी जी ने शुरू किया है.उन्होंने यह करके एक बड़े ही नेक काम किया है.बेटियां देवी  की रूप होते है.उन्हें तकलीफ देने का हमारा  कोई  हक़  नहीं  है.उन्हें लक्लीफ देने का मतलब है देवियों का असम्मान करना.
हम पहले के जमसे से शुरुवात  करेंगे.पहले सिर्फ लड़कों  को पढ़ाया जाता था.उस्वक़्त लड़कियों  को ज़्यादा महत्व  नहीं दिया जाता था.उन्हें पड़ ने का कोई हक़ नहीं था.वह  सिर्फ घर  के काम   करते  थे.अब हम आज के ज़माने  के बात करेंगे .आज के ज़माने में लड़कियां भी पढ़ाई की उतनीही हकदार है जितने की लड़के है.उन्हें भी पड़ने का पूरा हक़ है.आज भी ऐसे कुछ लोग है जो लड़कियों को पड़ ने से रोकते है.लड़कियों को पड़ हाना बहुत ज़रूरी है.हम अपने देश की बेटियों को पड़ हाकर उनिकी रक्षा भी कर पाएंगे.वह गर शिक्षित होंगे तोह खुदके रक्षा कर पाएंगे.
इस तरह से हम उन्हें पड़ा कर उन्हें बचा पाएंगे.तोह आज आइये हम सब प्रण लेते है की इस देश की साड़ी बेटियों को पड़ा कर उन्हें बचाएंगे.


komi1: ok
Anonymous: nyc:))
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