what is kartha, karm and kriya in hindi grammar plz let me knw fast plz i have exams tom plzzz
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1) कर्ता--
रचना या निर्माण करने या बनाने वाला ही कर्ता कहलाता है।
उदाहरण: प्रकृति के निर्माता की कल्पना अनुपम है ।
2)कर्म--
साधारण बोलचाल की भाषा में कर्म का अर्थ होता है 'क्रिया'। व्याकरण में क्रिया से फल के आश्रय को कर्म कहते हैं।
उदाहरणः "राम घर जाता है' इस उदाहरण में "घर" गमन क्रिया के फल का आश्रय होने के नाते "जाना क्रिया' का कर्म है।
3)क्रिया--
जिन शब्दों से किसी कार्य का करना या होना व्यक्त हो उसे क्रिया कहते हैं।
उदाहरण-- रोया, खा रहा, जायेगा आदि। उदाहरणस्वरूप अगर एक वाक्य 'मैंने खाना खाया' देखा जाये तो इसमें क्रिया 'खाया' शब्द है।
रचना या निर्माण करने या बनाने वाला ही कर्ता कहलाता है।
उदाहरण: प्रकृति के निर्माता की कल्पना अनुपम है ।
2)कर्म--
साधारण बोलचाल की भाषा में कर्म का अर्थ होता है 'क्रिया'। व्याकरण में क्रिया से फल के आश्रय को कर्म कहते हैं।
उदाहरणः "राम घर जाता है' इस उदाहरण में "घर" गमन क्रिया के फल का आश्रय होने के नाते "जाना क्रिया' का कर्म है।
3)क्रिया--
जिन शब्दों से किसी कार्य का करना या होना व्यक्त हो उसे क्रिया कहते हैं।
उदाहरण-- रोया, खा रहा, जायेगा आदि। उदाहरणस्वरूप अगर एक वाक्य 'मैंने खाना खाया' देखा जाये तो इसमें क्रिया 'खाया' शब्द है।
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कर्म कारक – शब्द के जिस रूप पर क्रिया का फल पड़े, उसे कर्म कारक कहते हैं। कर्म कारक का परसर्ग ‘को’ होता है; जैसे-डाकिया ने ओजस्व को पत्र दिया।
कर्म की पहचान के लिए क्रिया के साथ क्या तथा किसको लगाकर प्रश्न करने पर, जो उत्तर. आता है वही कर्म होता है।
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