What is meaning of types of prataya?
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प्रत्यय
जो शब्दांश शब्दों के अंत में विशेषता या परिवर्तन लाते हैं, उन्हें प्रत्यय कहा जाता है। प्रत्ययों का अपना कोई अर्थ नहीं होता है और न ही इनका प्रयोग स्वतंत्र रूप से किया जाता है परंतु यह शब्द के साथ जुड़कर कुछ न कुछ अर्थ अवश्य देता है।। प्रत्यय के दो भेद हैं-
1. तद्धित प्रत्यय - तद्धित प्रत्यय संज्ञा एवं विशेषण के साथ जुड़ते हैं।
उदाहरण के लिए - ता प्रत्यय से स्वतंत्रता, ममता, मानवता।
त्व प्रत्यय से अमरत्व, व्यक्तित्व
पन प्रत्यय
से बचपन, पागलपन
आनी प्रत्यय से सेठानी, नौकरानी।
2. कृदंत प्रत्यय- जबकि
कृदंत अर्थात् कृत् प्रत्यय क्रिया के साथ जुड़ते है।
उदाहरण के लिए - अक प्रत्यय से पाठक, लेखक, दर्शक, भक्षक
आई प्रत्यय से पढ़ाई, लड़ाई, सुनाई, चढ़ाई, कटाई, बुनाईआवट प्रत्यय से लिखावट, सजावट, बुनावट, मिलावट
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