Hindi, asked by siddharthvka, 1 year ago

what is sakarmak kriya?
what is akarmak kriya ?

Answers

Answered by AnishRajput001
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सकर्मक क्रिया की परिभाषा

जिस क्रिया में कर्म का होना ज़रूरी होता है वह क्रिया सकर्मक क्रिया कहलाती है। इन क्रियाओं का असर कर्ता पर न पड़कर कर्म पर पड़ता है। सकर्मक अर्थात कर्म के साथ।

जैसे: विकास पानी पीता है। इसमें पीता है (क्रिया) का फल कर्ता पर ना पडके कर्म पानी पर पड़ रहा है। अतः यह सकर्मक क्रिया है।

सकर्मक क्रिया के उदाहरण

हरीश फुटबॉल खेलता है।

मनीषा खाना पकाती है।

आतंकी गाडी चलाता है।

पुष्प कलि को बुलाता है।

अकर्मक क्रिया की परिभाषा

जिस क्रिया का फल कर्ता पर ही पड़ता है वह क्रिया अकर्मक क्रिया कहलाती हैं। इस क्रिया में कर्म का अभाव होता है। जैसे : श्याम पढता है। इस वाक्य में पढने का फल श्याम पर ही पड़ रहा है। इसलिए पढता है अकर्मक क्रिया है।

जिन क्रियाओं को कर्म की जरूरत नहीं पडती या जो क्रिया प्रश्न पूछने पर कोई उत्तर नहीं देती उन्हें अकर्मक क्रिया कहते हैं। अथार्त जिन क्रियाओं का फल और व्यापर कर्ता को मिलता है उसे अकर्मक क्रिया कहते हैं।

अकर्मक क्रिया के उदाहरण

राजेश दौड़ता है।

सांप रेंगता है।

पूजा हंसती है।

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Answered by Anonymous
17

Explanation:

\huge\underline\mathfrak\orange{Answer}

⚫अकर्मक क्रिया वहां पर होती है जहां कर्ता द्वारा किया गया कार्य किसी अन्य चीज को प्रभावित नहीं करता है।

⚫सकर्मक क्रिया उस प्रकार की क्रिया होती है जिसमें कर्ता द्वारा किया गया कार्य किसी अन्य चीज को प्रभावित करता है, तो वहां पर सकर्मक क्रिया होती है।

\red{\text{Thanks}}

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