what is sati pratha
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ब्रह्म समाज के संस्थापक राजा राममोहन रॉय ने सती प्रथा के विरुद्ध समाज को जागरूक किया, जिसके फलस्वरूप इस आन्दोलन को बल मिला और तत्कालीन अंग्रेजी सरकार को सती प्रथा को रोकने के लिये कानून बनाने पर विवश होना पड़ा था। अन्तत: उसने सन् 1829 में सती प्रथा रोकने का कानून पारित कर दिया था। सती कुछ पुरातन भारतीय समुदायों में प्रचलित एक ऐसी धार्मिक प्रथा थी, जिसमें किसी पुरुष की मृत्त्यु के बाद उसकी पत्नी उसके अंतिम संस्कार के दौरान उसकी चिता में स्वयमेव प्रविष्ट होकर आत्मत्याग कर लेती थी। 1829 में अंग्रेजों द्वारा भारत में इसे गैरकानूनी घोषित किएजाने के बाद से यह प्रथा प्रायः समाप्त हो गई थी ।
इंकलाब जिंदाबाद
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