What is the difference between purush vachak sarvanam and nishchay vachak sarvnam ?
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पुरुषवाचक सर्वनाम और निश्चयवाचक सर्वनाम में अंतर...
पुरुषवाचक सर्वनाम में वक्ता अर्थात बोलने वाला व्यक्ति जिन शब्दों का प्रयोग स्वयं के लिए करता हो अथवा दूसरों को संबोधित करने के लिए करता हो अथवा किसी तीसरे अन्य व्यक्ति के विषय में संकेत करते हुए उन शब्दों का प्रयोग करता हो तो वहां पुरुषवाचक सर्वनाम होता है।
जैसे...
मैं आज घूमने जाऊंगा।
तुम कहाँ जा रहे हो?
वह आज मेरे घर आएगा।
यहाँ पहले वाक्य में वक्ता ‘मैं’ का प्रयोग स्वयं के लिए प्रयोग कर रहा है, यानि उत्तम पुरुष।
दूसरे वाक्य में वक्ता ‘तुम’ का प्रयोग सामने वाले व्यक्ति के लिए कर रहा है, यानि मध्यम पुरुष।
तीसरे वाक्य में वक्ता ‘वह’ का प्रयोग किसी अन्य व्यक्ति के लिए कर रहा है, यानि अन्य पुरुष।
इस तरह पुरुषवाचक सर्वनाम के तीन भेद होते हैं...
उत्तम पुरुष, मध्यम पुरुष और अन्य पुरुष।
निश्चयवाचक सर्वनाम में जब किसी वस्तु, व्यक्ति या स्थान को की तरफ संकेत करते हुए निश्चितता का बोध होता हुआ था अर्थात किसी व्यक्ति, वस्तु या स्थान की ओर निश्चित रूप से संकेत किया जाए तो वहां निश्चयवाचक सर्वनाम होता है।
जैसे...
वह साइकिल मेरी है।
यह पुस्तक राजू की है।
इस मकान में कोई नहीं रहता है।
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Explanation:
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