What is the difference between vidhan sabha and vidhan parishad in hindi?
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विधानसभा जो निम्न सदन है ओर जो जनता द्वारा निर्वाचित होता है तथा दूसरा सदन विधानपरिषद होता है ।
विधान सभा एवं विधानसभा सचिवालय का प्रमुख, पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष) होता है, जिसे संविधान, प्रक्रिया, नियमों एवं स्थापित संसदीय परंपराओं के अन्तर्गत व्यापक अधिकार होते हैं। सभा के परिसर में उनका प्राधिकार सर्वोच्च है। सभा की व्यवस्था बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी होती है और वे सभा में सदस्यों से नियमों का पालन सुनिश्चित कराते हैं। सभा के सभी सदस्य अध्यक्ष की बात बड़े सम्मान से सुनते हैं। अध्यक्ष सभा के वाद-विवाद में भाग नहीं लेते, अपितु वे विधान सभा की कार्यवाही के दौरान अपनी व्यवस्थाएँ/निर्णय देते हैं। जो पश्चात् नज़ीर के रूप में संदर्भित की जाती हैं।
विधानसभा का अध्यक्ष लगभग वही कार्य में करता है जो कार्य लोकसभा का अध्यक्ष करता है. उसके कार्यों में मुख्य हैं
सदन में अनुशासन बनाए रखना
सदन की कार्यवाही का सुचारू रूप से संचालित करना
सदस्यों को बोलने की अनुमति प्रदान करना
पक्ष और विपक्ष में सामान मत आने पर निर्णायक मत प्रदान करना
विधानसभा और विधान परिषद् के बीच अंतर
1=>
विधानसभा के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं पर विधान परिषद् के सदस्य इसमें भाग नहीं ले सकते.
2=>
राज्यसभा के चुनाव में भी विधानसभा के सदस्य ही भाग लेते हैं नाकि विधान परिषद् के सदस्य.
विधान परिषद् का सम्पूर्ण अस्तित्व विधानसभा के विवेक पर निर्भर करता है.
3=>
राज्यसभा के चुनाव में भी विधानसभा के सदस्य ही भाग लेते हैं नाकि विधान परिषद् के सदस्य.
4=>
विधान परिषद् का सम्पूर्ण अस्तित्व विधानसभा के विवेक पर निर्भर करता
5=>
वित्तीय विधेयक केवल विधानसभा में ही प्रस्तुत की जा सकता है. वैसे एक बार वित्तीय विधेयक प्रस्तुत हो गया तो दोनों सदनों की शक्तियाँ बराबर हो जाती है.
विधान सभा एवं विधानसभा सचिवालय का प्रमुख, पीठासीन अधिकारी (अध्यक्ष) होता है, जिसे संविधान, प्रक्रिया, नियमों एवं स्थापित संसदीय परंपराओं के अन्तर्गत व्यापक अधिकार होते हैं। सभा के परिसर में उनका प्राधिकार सर्वोच्च है। सभा की व्यवस्था बनाए रखना उनकी जिम्मेदारी होती है और वे सभा में सदस्यों से नियमों का पालन सुनिश्चित कराते हैं। सभा के सभी सदस्य अध्यक्ष की बात बड़े सम्मान से सुनते हैं। अध्यक्ष सभा के वाद-विवाद में भाग नहीं लेते, अपितु वे विधान सभा की कार्यवाही के दौरान अपनी व्यवस्थाएँ/निर्णय देते हैं। जो पश्चात् नज़ीर के रूप में संदर्भित की जाती हैं।
विधानसभा का अध्यक्ष लगभग वही कार्य में करता है जो कार्य लोकसभा का अध्यक्ष करता है. उसके कार्यों में मुख्य हैं
सदन में अनुशासन बनाए रखना
सदन की कार्यवाही का सुचारू रूप से संचालित करना
सदस्यों को बोलने की अनुमति प्रदान करना
पक्ष और विपक्ष में सामान मत आने पर निर्णायक मत प्रदान करना
विधानसभा और विधान परिषद् के बीच अंतर
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विधानसभा के सदस्य राष्ट्रपति के चुनाव में भाग लेते हैं पर विधान परिषद् के सदस्य इसमें भाग नहीं ले सकते.
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राज्यसभा के चुनाव में भी विधानसभा के सदस्य ही भाग लेते हैं नाकि विधान परिषद् के सदस्य.
विधान परिषद् का सम्पूर्ण अस्तित्व विधानसभा के विवेक पर निर्भर करता है.
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राज्यसभा के चुनाव में भी विधानसभा के सदस्य ही भाग लेते हैं नाकि विधान परिषद् के सदस्य.
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विधान परिषद् का सम्पूर्ण अस्तित्व विधानसभा के विवेक पर निर्भर करता
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वित्तीय विधेयक केवल विधानसभा में ही प्रस्तुत की जा सकता है. वैसे एक बार वित्तीय विधेयक प्रस्तुत हो गया तो दोनों सदनों की शक्तियाँ बराबर हो जाती है.
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