Math, asked by vishwakarmashyamlesh, 3 months ago

What is the importance of equa

सामाजिक समानता पर संक्षिप्त टिप्पणी
Write a brief comment on socia
15 हमें संविधान की क्या आवश्यकता है?
Why do we need Constitution?
अ​

Answers

Answered by anika1312
1

समानता का अर्थ किसी समाज की उस स्थिति से है, जिसमें सभी लोग समान अधिकार या प्रतिष्ठा रखते हैं। कानून भी कहता है, हर किसी को एक समान अधिकार मिलें। इसके तहत सुरक्षा, मतदान का अधिकार, भाषण की स्वतंत्रता, एकत्र होने की स्वतंत्रता, संपत्ति का अधिकार, सामाजिक वस्तुओं एवं सेवाओं पर समान पहुंच आदि आते हैं। सामाजिक समानता में स्वास्थ्य की समानता, आर्थिक समानता व अन्य सामाजिक सुरक्षा के अलावा समान अवसर व समान दायित्व भी आता है। वास्तव में यही वह अवस्था है, जब हर व्यक्ति को समान महत्व दिया जाए।

समान ने बनाईं अससमानएं

दो या दो से अधिक लोगों या समूहों के बीच के संबंध की स्थिति को समानता के रूप में परिभाषित किया जा सकता है। पहली प्रकृतिक असमानताएं जैसे एक दिव्यांग व्यक्ति और एक सामान्य व्यक्ति.. यह प्राकृतिक असमानता है, लेकिन कुछ असमानताएं समाज ने बनाई हैं, जिनमें जाति, अमीर-गरीब, मजदूर, पूंजीपति, मालिक नौकर आदि शामिल हैं।

------------

कानून में सभी बराबर

इन सबसे इतर कानून सभी के साथ समान व्यवहार करता है। कहने का मतलब, कानून के हर स्तर पर समानता का हक मिला है। कानूनी समानता का मतलब है कानून के सामने समानता और सभी को कानूनन समान सुरक्षा। अगर कोई व्यक्ति बुद्धिमान हो या मूर्ख, तेजस्वी हो या बुद्धू, नाटा हो या लंबा, अमीर हो या गरीब। कानून को उसके रूप रंग, कद या आर्थिक स्थिति से कोई मतलब नहीं होता। वह तो सभी के साथ समान व्यवहार करेगा।

------------

राजनीतिक समानता का अधिकार

राजनीतिक स्वतंत्रता का मतलब बुनियादी तौर पर मताधिकार और प्रतिनिधि सरकार है। मताधिकार का मतलब यह है कि सभी व्यस्कों मत देने का अधिकार और एक व्यक्ति का एक ही मत से होता है। प्रतिनिधि सरकार होने का अर्थ है कि सभी को बिना किसी भेदभाव के चुनाव में स्पष्ट होने का अधिकार है और वह सार्वजनिक सेवा के लिए चुनाव में खड़ा हो सकता है। उसके साथ भेदभाव नहीं कर सकते हैं।

---------

आर्थिक और सामाजिक समानता

आर्थिक और सामाजिक समानाता की अवधारणा का अर्थ अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग है। आर्थिक समानता का अर्थ है हर व्यक्ति को उसकी पारिवारिक या आर्थिक स्थिति से है। चाहे जो हो उसे अपने धंधा और पेशा चुनने का अधिकार है। प्रत्येक व्यक्ति को ऐसा करने की स्वतंत्रता होनी चाहिए ताकि देश के लिए हर व्यक्ति के साथ समान हो सके।

--------

विशेषाधिकारों का हो अंत

सामाजिक समानता का अर्थ है, रंग ¨लग जाति लैंगिक प्रवृत्ति आदि के आधार पर भेदभाव की अनुपस्थिति। समानता के कानूनी, राजनीतिक और आर्थिक पहुलओं से भिन्न वर्षों से यह महसूस किया जाता रहा है। सामाजिक समानता के लिए कई स्थतियों का होना जरूरी है। समाज में विशेषाधिकारों का अंत होना चाहिए। यह असमानता का सबसे बड़ा कारण है।

तब उन्नति के पथ पर अग्रसर होगा समाज

सभी के लिए विकास करने का पर्याप्त अवसर हो। सामाजिक लाभ पाने की सुविधा मिले। जिसमें पारिवारिक स्थिति या धन अथवा उत्तराधिकार आदि के आधार पर कोई प्रतिबंध न रहे। आर्थिक और सामाजिक शोषण को पूरी तरह से खत्म करना होगा। व्यक्तियों के बीच मूलभूत समानता जरूरी होगी। जो सामाजिक विकास के लिए महत्वपूर्ण है। सामाजिक संस्थाओं में किसी भी प्रकार का भेदभाव नहीं होना चाहिए। सभी की मदद करने की भावना होनी चाहिए। लोग समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझें। सामाजिक कार्यों के लिए पूरी तरह से ईमानदारी जरूरी है। जब ऐसा होगा तो हम समाजिक असमानता को पूरी तरह से खत्म करेंगे। जिससे समाज को उन्नति के पथ पर अग्रसर किया जा सकता है।

Similar questions