Hindi, asked by sunitabind41, 9 months ago

Write a 2or 1horror story in hindi

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Answered by vasupattani410
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Explanation:

हम एक से बढ़कर एक डरावनी कहानियां प्रकाशित करते हैं। पेश है इसी कड़ी में आज हम “मेरे सामने वाली खिड़की में रहती है एक चुड़ैल” most haunted place story in hindi प्रकाशित कर रहे हैं . आशा है आपको ये खबर पसंद आएगी.

लड़की की लाश का भयानक कहर

नए घर में एक आजीब सा मनहूस माहौल था. सब कुछ होते हुए थी ऐसा लगता था, जैसे घर वीरान पड़ा हुआ हो. कई बाबाओं से इस बारे में बात की तो उन्होंने बताया की इस घर में किसी आत्मा का वास है या फिर उस आत्मा की कुछ खास चीज यहाँ दफन है. मुझे तो ये सब बातें कुछ आजीब सी लग रही थीं. लेकिन एक दिन कुछ ऐसा हुआ, जिससे मेरी आंखे खोल दीं और मुझे यकीन हो गया.

शाम का समय था. मैं घर पर आराम कर रहा था, तभी एक बड़े से लड़की के संदूक पर रखा पौट अपने आप गिर कर टूट गया. घर पर रामू भी नहीं था वो एक हफ्ते की छुट्टी पर गया हुआ था. पौट का कचरा मुझे ही साफ करना था. जब मैं कचरा साफ़ कर रहा था तब मुझे लगा कि जैसे उस लड़की के संदूक में कुछ है, उसके अंदर से कुछ आवाजें आ रही थीं. बड़ी मुस्किल से मैंने उस संदूक को खोल दिया. जैसे ही मैंने उसके अंदर झाँका तो मुझे लगा जैसे पैरों तले जमीन खिसक गई हो.

उस संदूक में अधजली औरत को सड़ी हुई लाश पड़ी हुई थी. ये सब तो ठीक था, मेरे संदूक खोलने के कुछ देर के बाद उस लाश में जान आ गई और वो लाश संदूक से बाहर आ गई. वो अधजली लकड़ी बेहद डरावनी दिख रही थी और मुझे पर हमला करने वाली थी. मुझे बहुत डर लग रहा था. कुछ भी समझ में नहीं आ रहा था कि क्या करूँ. वो अधजली लड़की की लाश मेरे पास आ रही थी. मैं मौका देखते ही उसे कमरे में बंद कर दिया और अध्यात्मिक बाबा को बुला लिया.

उन्हें इस बात का पहले से ही अंदाजा हो चूका था, वो पूरी तैयारी के साथ आयेहुए थे. जल्दी से उन्होंने अपना काम शुरू कर दिया और बोला कि कमरे का दरवाजा खोल दो. जैसा बाबा से कहा मैंने वैसा ही किया. कमरे के अन्दर से चीखने चिल्लाने की आवाज आने लगी. वो लाश चिल्ला रही थी, जैसे उसे कोई मार रहा हो. इसके बाद बाबा से अपनी शक्तियों से उस अधजली लड़की की लाश को अपने सामने बिठा दिया और उसके शरीर की आत्मा को भगाने लगे. इस दौरान लाश बहुत तडप रही थी. चीख-चिल्ला रही

Answered by amritaj048
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रात के अंधेरे में अचानक से घर का दरवाजा धड़ाम की आवाज से बंद दरवाजा ना जाने अचानक से खुल गया कदमों की चलने की आवाज आने लगी। दरवाजे की दहलीज से होती हुई एक अजीब सी परछाई नजर आ रही थी। तभी कपकपाते हुए हाथों के साथ सेठ बंसी ने अपने घर का दरवाजा तेजी से पकड़ा और बंद कर दिया तो अचानक से दरवाजे को जोर से पीटने की आवाज आने लग गई। सेठ बंसी की सारी हिम्मत जवाब दे चुकी थी।

सेठ बंसी भागते हुए अपने कमरे में गए और अपने कमरे का दरवाजा बंद कर दिया सवेरे देरी से उठे और दुकान का किवाड़ खोला तो हक्का-बक्का रह गए। पूरी दुकान अस्त-व्यस्त हो रखी थी। सारा सामान बिखरा हुआ था। सेठ बंसी अपनी इस रोजमर्रा के इस हादसे से परेशान हो चुके थे।

सेठ बंसी गुस्से से बिलबिला उठे और रोज रोज हो रहे थे। इन नुकसानों का सेठ बंसी के पास कोई जवाब नहीं था। सेठ बंसी रात में जब घर की ओर रवाना हुए तभी चलते-चलते अचानक से वही कदमों की आवाज आने लगी मानो पीछे पीछे कोई चल रहा हो। सेठ बंसी का शरीर कपकपा रहा था। गर्दन अपने आप दाई और मूड रही थी सेठ बंसी घबराहट के चलते कदमों में रफ्तार बढ़ा चुके थे। लेकिन अचानक से पांव भारी होने लग गए थे सन्नाटे में किसी की मौजूदगी का होने का एहसास हो रहा था मुंह का निचला जबड़ा सख्त हो गया था। मुंह से शब्द नहीं निकल रहे थे। थोड़ी दूर एक जोर की आंधी आई सेठ बंसी अचानक से एक पेड़ से जा टकराए। अचानक से वह पेड़ और हाथों में खून देखकर वह डर गए। तभी एक भयंकर सांसो की ऊँकार की आवाज आने लग गई।

आखिरकार सेठ बंसी ने रोते हुए कहा

"कौन है जो मुझे परेशान कर रहा है?"

तभी अचानक से भारी आवाज आई "कुमार।"

यह सुनकर सेठ जी के रोंगटे खड़े हो गए उन्होंने हक लाते हुए कहा "नही! तुम तो मर गए थे"

नमस्कार आखिर कौन था यह कुमार और आखिर क्यों वह सेठ बंसी को परेशान कर रहा था? यह सब जानेंगे हम इस कहानी के अगले भाग में पसंद आने पर यह कहानी को कमेंट और शेयर अवश्य कीजिएगा।

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