Write a debate on kya Bhartiya Shiksha vyavastha Mein Parivartan Ki avashyakta Hai??
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। पहली यह कि भारत में स्कूली पढ़ाई पूरी करने वाले 22 करोड़ विद्यार्थियों में से केवल 1.60 करोड़ विद्यार्थी ही कॉलेजों में दाखिला लेते हैं। यानी 20 करोड़ से भी ज्यादा बच्चे कॉलेज का मुंह ही नहीं देखते। दूसरी यह कि देश भर के विश्वविद्यालयों से हर साल ग्रैजुएट होने वाले 30 लाख विद्यार्थियों में से केवल 10 प्रतिशत ही अच्छी नौकरी पाने के योग्य होते हैं। इन आंकड़ों का सूक्ष्म विश्लेषण करने पर भयावह स्थिति से सामना होता है। इन दोनों आंकड़ों को मिलाकर देखें, तो निष्कर्ष यह निकलता है कि सवा अरब की आबादी वाले हमारे देश में स्कूली शिक्षा पूरी करने वाले बच्चों में से केवल एक प्रतिशत ही अच्छी नौकरियों के हकदार हैं? बाकी 99 प्रतिशत के लिए तो तेजी से बदलते रोजगार परिदृश्य में अवसर घटते ही जा रहे हैं। इसका दोष न तो नियोक्ताओं के सिर पर मढ़ा जा सकता है और न ही अभ्यर्थियों के सिर पर। यह दोष है शिक्षा तंत्र का, जो तमाम कोशिशों के बावजूद पूरी तरह रोजगारोन्मुखी नहीं हो पाया है।
इन आंकड़ों की गंभीरता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि कॉलेज न पहुंचने वाले विद्यार्थियों की संख्या केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने बताई है, तो केवल 10 प्रतिशत ग्रैजुएटों को अज्छी नौकरियों के लायक नैशनल असेसमेंट ऐंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (नैक) की कार्य समिति के अध्यक्ष गोवर्धन मेहता ने करार दिया है। ये आंकड़े अधिकृत और विश्वसनीय होने के कारण इन परिस्थितियों पर गंभीरता से विचार करने और जल्द से जल्द इनका समाधान ढूंढ़ने की जरूरत है।
इन आंकड़ों की गंभीरता का अनुमान इसी से लगाया जा सकता है कि कॉलेज न पहुंचने वाले विद्यार्थियों की संख्या केन्द्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री कपिल सिब्बल ने बताई है, तो केवल 10 प्रतिशत ग्रैजुएटों को अज्छी नौकरियों के लायक नैशनल असेसमेंट ऐंड एक्रिडिटेशन काउंसिल (नैक) की कार्य समिति के अध्यक्ष गोवर्धन मेहता ने करार दिया है। ये आंकड़े अधिकृत और विश्वसनीय होने के कारण इन परिस्थितियों पर गंभीरता से विचार करने और जल्द से जल्द इनका समाधान ढूंढ़ने की जरूरत है।
jatin7919:
Fact tv
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