write a essay on Gandagi Mukt Bharat 250-300 words
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हमारे पक्का संदेश प्लास्टिक मुक्त उत्तर प्रदेश।
आज कल प्लास्टिक का उपयोग हर जगह हो रहा है जिसके कारण मानव प्रकृति के अनुदान उसे लाभान्वित होता गया उसके लोग में बढ़ोतरी होती गई प्रकृति का ख्याल रखे बगैर कई माननीय गतिविधियों से ऐसे आविष्कार किए जिससे प्रकृति को नुकसान होना शुरू हुआ नतीजा प्रकृति के नाम पर मानव ने प्रकृति में बहुत ज्यादा हस्तक्षेप किया इस भयंकर आविष्कारों में एक प्लास्टिक को भले ही मानव का आविष्कार क्यों ना मानी लेकिन यही प्लास्टिक उसकी प्रकृति का सबसे बड़ा शत्रु बनकर उसे प्रदूषित कर रहा है जिस प्रकृति ने हमारे पूर्वजों को एक अच्छा वातावरण दिया और आगे भी यह प्रकृति हमें तथा हमारी भावी पीढ़ियों को अच्छा वातावरण देने में तत्पर है मगर ना जाने प्लास्टिक प्रदूषण से हम प्रकृति का गला घोटने को उतारू क्यों है।
देखते ही सही शुरुआत तो हुई आज भारत इस समस्या को समाप्त करने में थोड़ी गंभीरता की झलक देखने को मिली कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश में प्लास्टिक के कुछ विशिष्ट उत्पादों के प्रयोग को गैरकानूनी घोषित कर इसके प्रयोग को कम करना शुरू किया।
विश्व पर्यावरण दिवस पर भारत में हुए कार्यक्रमों को ऐतिहासिक बताते हुए संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण प्रमुख एरिक सोलहेम इसके लिए भारत की प्रशंसा की है। उन्होंने कहा है कि भारत ने एक बाहर के इस्तेमाल के बाद फेंक दिए जाने वाले प्लास्टिक को 2022 तक समाप्त की घोषणा कर वैश्विक नेतृत्व और पर्यावरण के प्रति गंभीरता दिखाई है।
मगर भारत को इन बड़ी-बड़ी घोषणाओं और वादों के स्थान पर अपनी प्लास्टिक प्रदूषण समाप्त करने की कोशिशों पर भी जोर देना होगा।
लिखने वाले ने भी क्या बात लिखी है कि " वादे तो अक्सर टूट जाया करते हैं लेकिन कोशिशें कामयाब हो जाया करती हैं।"
वहीं दूसरी ओर भारत में इस प्रदूषण को समाप्त करने की कोशिश यहां तक कि रही है कि आमतौर पर प्लास्टिक को या तो गड्ढे में भर दिया जाता है या इसे जला कर खत्म कर दिया जाता है। मगर दोनों प्रदूषित तरीके हैं गड्ढे में दबाने पर वहां की जमीन बंजर हो जाती है और इसे जलाने से वायु में जहरीली गैसों से वायु प्रदूषित होता है इन बेकार की कोशिशों से परे एक बड़ी कोशिश यह होनी चाहिए कि हम दिनचर्या व जीवनशैली को बदल प्लास्टिक पर निर्भरता कम करें और प्लास्टिक की जगह अन्य विकल्पों को अपनाएं जो विकल्प प्रकृति के अनुकूल हो।
निसंदेह भारत ने इस प्रदूषण को समाप्त करने के लिए कुछ कदम उठाए हैं जैसे कई राज्यों में वशिष्ठ प्लास्टिक प्रयोग को गैरकानूनी मानना और सरकार व आम जनता का इस प्रदूषण को समाप्त करने की गंभीरता दिखाई देना धीरे-धीरे प्रयास ही सही मगर इन प्रयासों को निरंतर रखना जरूरी है क्योंकि भले ही बारिश की बूंदे छोटी-छोटी क्यों ना हो का निरंतर बरसना है 1 दिन नदी का रूप ले लेता है इसलिए भारत में प्लास्टिक प्रदूषण को समाप्त करने में निरंतरता रखनी होंगी तभी हम अपनी आने वाली पीढ़ी को हरित व पर्यावरण अनुकूल विरासत दे पाएंगे।
प्लास्टिक के दुष्प्रभाव को देखते हुए पूरी दुनिया तथा भारत सिंगल यूज़ प्लास्टिक को बैन करने तथा प्लास्टिक को रीसाइक्लिंग करने के कदम को मजबूती से आगे बढ़ा रहे हैं।
अतः हम सब का यह कर्तव्य है कि मानव जाति तथा जीव-जंतुओं के कल्याण के लिए प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के लिए अपना योगदान देना चाहिए।