History, asked by madhukar36, 1 year ago

write a full note on indian constitution in hindi

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Answered by ruhi253
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भारतीय संविधान के बारे में महत्वपूर्ण तथ्य

भारत ने संविधान (constitution) को 26 नवम्बर 1949 को पारित किया था तथा सम्पूर्ण संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ

भारतीय संविधान (constitution) का पिता डॉ भीमराव अम्बेडकर (Dr BR Ambedkar) को कहा जाता है

वर्तमान संविधान (constitution) 465 अनुच्छेद तथा 12 अनुसूचियां है

संविधान (constitution) सभा की प्रथम बैठक 9 दिसम्बर 1946 को हुई थी

संविधान (constitution) के निर्माण में 2 वर्ष 11 महीने 18 दिन का समय लगा था

भारतीय संविधान (constitution) 22 भागों में विभाजित है

संविधान (constitution) सभा की अन्तिम बैठक 24 नवम्बर 1949 को हुई थी

भारतीय संविधान (constitution) विश्व का सबसे लम्बा लिखित संविधान है

संविधान (constitution) सभा के अस्थाई अध्यक्ष डॉ सच्चिदानंद सिन्हा तथा स्थाई अध्यक्ष डॉ राजेंद्र प्रसाद (Dr. Rajendra Prasad) को नियुक्त किया गया था

भारतीय संविधान (constitution) का जनक डॉ भीमराव अम्बेडकर को माना जाता है क्यूंकि डॉ भीमराव अम्बेडकर (Dr BR Ambedkar) की अध्यक्षता में ही भारतीय संविधान के प्रारूप का निर्माण हुआ था

संविधान (constitution) सभा का अंतिम अधिवेशन 24 जनवरी 1950 को हुआ था

संविधान( constitution) सभा ने राष्ट्र ध्वज तिरंगा का प्रारूप 22 जुलाई 1947 को अपनाया था

24 जनवरी 1950 को संविधान (constitution) सभा में रविन्द्र नाथ टैगोर द्वारा रचित जन-गन-मन को भारत के राष्ट्रगान के रूप में स्वीकार किया गया था

बंकिम चन्द्र चटर्जी द्वारा रचित वन्देमातरम भारत के राष्ट्रगीत के रूप में 24 जनवरी 1950 को अपनाया गया था

26 जनवरी 1950 को संविधान (constitution) सभा ने सारनाथ स्तिथ अशोक स्तम्भ के शीर्ष की अनुक्रती को राष्ट्रीय चिह्न के रूप में स्वीकार किया

ruhi253: hii
Answered by pubg70
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अगस्त, 1947 को भारत स्वतंत्र हुआ और 26 जनवरी 1950 को एक गणतंत्र बना । संविधान बनाने के लिए राजेन्द्र बाबू की अध्यक्षता में संविधान समिति बनाई गई । जनवरी 26, 1949 को यह बन कर तैयार हो गया और इस पर हस्ताक्षर हुए ।

26 जनवरी, 1950 से यह प्रभाव में आया और भारत एक सर्वप्रभुसत्ता सम्पत्र लोकतंत्रीय गणराज्य बन गया । इसका तात्पर्य यह है कि भारत पर इसके किसी भी कार्य, नीति आदि के संबंध में किसी बाहरी शक्ति का कोई हस्तक्षेप नहीं हैं और यहां की जनता और उसके चुने हुए प्रतिनिधियों में ही अंतिम और संपूर्ण शक्ति है ।

केन्द्र में, अप्रत्यक्ष रूप से निर्वाचित राष्ट्रपति ही देश का प्रधान है । लेकिन वास्तविक सत्ता का उपयोग प्रधान मंत्री और उनका मंत्री मंडल करता है । प्रधान मंत्री और उनके सहयोगी मंत्री संसद के प्रति उत्तरदायी होते हैं । संसद के दो घर हैं- लोक सभा, राज्य सभा ।

लोकसभा के सदस्य जनता द्वारा सीधे चुने जान हैं । हर व्यस्क भारतीय को चुनाव में अपना मताधिकार उपयोग करने की स्वतंत्रता रहती है । भारत विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है । भारत के वयस्क मतदाता राज्यों में विधानसभाओं के सदस्यों का भी प्रत्यक्ष रूप से चुनाव करते हैं ।

राज्यों में राज्यपाल प्रमुख है । लेकिन वास्तविक सत्ता मुख्यमंत्री और उसके मंत्रीमंडल में नीहित रहती है । देश में सारे कार्य राष्ट्रपति के नाम पर किये जाते हैं । वह सेना के तीनों अंगों का प्रधान होता है, लेकिन यह सब औपचारिक होता है । सारी सत्ता और शक्ति प्रधानमंत्री और उसके सहयोगी मंत्रियों में होती है ।

हमारा संविधान पूरी तरह लिखित है । इसकी कई अन्य विशेषताएं भी हैं । यह लचीला हे और कठोर भी । जहां तक संविधान में संशोधन का प्रश्न है यह बड़ा कठोर हैं 1 संविधान के मूल हार्वे में परिवर्तन सरल नहीं है । इसका लचचापन देश के विकास में सहायक है । इसका कई बार आवश्यकतानुसार संशोधन भी किया जा चुका है ।

यह संघीय भी है और केन्द्रीय भी । केन्द्र व राज्यों के बीच अधिकारों और विषयों का साफ-साफ बंटवारा है लेकिन केन्द्र अधिक शक्तिशाली है । केन्द्र ही राज्यों -में राज्यपालों की नियुक्ति करता है । हमारा संविधान विश्व का सबसे बड़ा लिखित संविधान हैं ।

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