Hindi, asked by edricelvis, 9 months ago

Write a letter to your friend about sports day in hindi

Answers

Answered by bhanusinghmar31
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Answer:

...... School

ashok vihar

Delhi - 110052

5th of March 20...

My dear me...... ,

with love good morning.

It was yesterday that I received your letter asking you many questions about this year 's sports competition in my school, and you have asked me to write a description of the competition. I write this letter to you about the same sports competition as follows - a game competition was organised in our school this year as every year. Which was attended by many schools. Preparations were started by our school a week ago in order to put this competition to a smooth fulfilment. First of all, a complete leveling of the playground was made capable of finishing all types of games. On the day of competition the playground was decorated with colorful banners and flags. Arrangements were made for lobbies and students on one side and for the meetings of teachers and guests on the other. Some light snacks and first - aid were also arranged in the field. The sports competition was inaugurated by tax deduction of the education officer of the district. On this auspicious occasion he threw colored balloons and also addressed the players and the students. All the players and students were very excited. The first two days of the competition were a number of games, such as race - racing, bicycle race, hundred meters running, high jump, rounds, runs, runs, runs, rounds, volleyball, obstacle race, football, martial arts, wrestling and others, in which our school performed well and won many MEDALS.

you faithful

...............

Explanation:

..............................स्कूल

अशोक विहार

दिल्ली- 110052

5 मार्च, 20....,

प्रिय .........,

सप्रेम नमस्ते।

कल ही मुझे तुम्हारा पत्र मिला, जिसमें तुमने मेरे विद्यालय में हुई इस वर्ष की खेल प्रतियोगिता के विषय में बहुत से प्रशन पूंछे हैं साथ ही साथ तुमने उस प्रतियोगिता का विवरण भी लिखने को कहा हैं। इस पत्र मैं तुम्हे उसी खेल प्रतियोगिता का विवरण लिख रहा हूँ जो की इस प्रकार हैं-

हमारे विद्यालय में हर साल की तरह इस साल भी खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। जिसमे अनेक विद्यालयों ने भाग लिया। हमारे विद्यालय ने इस प्रतियोगिता को सुचारु रूप से सम्पन करने के उद्देश्य से एक सप्ताह पूर्व ही तैयारियॉँ आरम्भ कर दी थी। सबसे पहले खेल के मैदान को पूर्णतः समतल करवा के हर प्रकार के खेलों को सम्पन करने के योग्य बनाया गया। प्रतियोगिता वाले दिन खेल के मैदान को रंग-बिरंगे बैनर्स एवं झंडों से सजाया गया। एक तरफ खिलड़ियों व छात्रों के लिए तथा दूसरी तरफ अध्यापकों व अतिथियों के बैठने की उचित व्यवस्था की गयी थी। मैदान में ही पीने के पानी, कुछ हलके फुल्के नाश्ते एवं प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था भी की गयी थी। खेल प्रतियोगिता का उद्घाटन जिला के शिक्षा अधिकारी के कर कमलों दवारा किया गया। उन्होंने इस शुभ अवसर पर रंग-बिरंगे गुब्बारे उड़ाए तथा खिलड़ियों व छात्रों को सम्बोधित भी किया। सभी खिलाडी व छात्र बहुत ही उत्साहित थे।

प्रतियोगिता के पहले दो दिन बहुत से खेलों का आयोजन किया गया जैसे- रस्साकशी, साइकिल की दौड़, सौ मीटर दौड़, ऊँची कूद, चौड़ी कूद, गोला फ़ेंक, वॉलीबॉल, बाधा दौड़, फुटबॉल, मार्शल आर्ट, कुश्ती लड़ना व अन्य, जिसमे हमारे विद्यालय ने बहुत से खेलो में अच्छा प्रदर्शन किया व बहुत से मैडल भी जीते. तुम्हे यह जान अत्यंत प्रसन्ता होगी के मैंने भी साइकिल की दौड़ में प्रथम व बाधा दौड़ में द्वितीय पुरस्कार जीता। प्रतियोगिता के अंतिम दिन पुरस्कार वितरण समारोह रखा गया. इस अवसर पर विधायक महोदय व जिला खेल कूद अधिकारी ने सभी विजेताओं को पुरस्कार से सम्मानित किया व उपहार भी दिए. उन्होंने छात्रों को सम्बोधित करते हुए एक संक्षिप्त भाषण दिया जिससे खिलड़ियों का मनोबल बढ़ा। स्कूल बैंड की मनमोहक धुन के साथ खेल प्रतियोगिता सम्पन हुई।

शेष मिलने पर। घर में सबको यथा-योग्य प्रणाम देना।

तुम्हारा मित्र

.......... ।

Answered by omtrivedi09326
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प्रस्तावना:

हमारे स्कूल के संस्थापक लाला केदारनाथ का जन्म 15 दिसम्बर को पड़ता है । यही दिन हमारे रकूल के वार्षिक खेलकूद के लिए रखा गया है । हर वर्ष विद्यार्थी इस दिन का बेसब्री से इंतजार करते हैं । इस दिन हमे बड़ा आनन्द मिलता है । साल दिन बड़े हर्षोल्लास से बीतता है ।

कार्यक्रम का निर्धारण:

हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी इस दिन के लिए बड़ा रोचक कार्यक्रम बनाया गया । प्रिंसिपल ने विद्यार्थियों के माता-पिताओं को भी आमन्त्रित किया । वरिष्ठ पी टी अध्यापक को सारे काम का उत्तरदायित्व सौंपा गया । खेलकूद ठीक दस बजे शुरू हो गए ।

कार्यक्रम का प्रारम्भ:

सबसे पहले प्रत्येक खेलकूद में भाग लेने वाले सभी खिलाडियों ने एक मार्च-पास्ट का आयोजन किया । प्रिसिपल ने सलामी ली । इसके बाद खेलकूद शुरू हो गए ।

विभिन्न प्रकार की दौड़े:

कार्यक्रम में सबसे पहले दौडों का आयोजन किया गया । यह दौडे 100 मीटर, 400 मीटर, 800 मीटर तथा 5 किलोमीटर की थीं । 5 किलोमीटर की दौड में बड़ा मजा आया । इस दौड में हरी नाम के एक मोटे लड़के ने भी भाग लिया ।

उसे दौड़ते देखकर बड़ा मजा आ रहा था । सभी लड़के बराबर हस रहे थे और खुश होकर तालियां पीट रहे थे । जब अन्य खिलाड़ी दो चक्कर पूरे कर चुके थे, तब तक हरी मुश्किल से आधा चक्कर ही पूरा कर पाया था । लेकिन फिर भी वह बराबर दौड़ता रहा । बाधा दौड़ भी बड़ी आकर्षक रही । इस दौड़ में लड़कों के पीछे से हाथ बांध दिये गए ।

उन्हे ऊपर रस्सी मै बधे फलो को उछल कर मुंह से लपकना पड़ता था । लोगों को उछलते, गिरते और सफल तथा असफल होते देख हम सभी हंसी से लोट-पोट हो गए । इसके अलावा आलू दौड़, चम्मच दौड़, बोरा दौड़, तीन टाग की दौड़, आदि आयौजन भी बड़े आनन्ददायक रहे ।

धीमी साईकिल और तेज साइकिल दौड़:

इसके बाद धीमी साइकिल दौड हुई । बहुत-से लड़कों ने इसमें भाग लिया ! मेरे मित्र रवि ने यह दौड़ बड़ी आसानी से जीत ली । दूसरा आइटम ने ज साइकिल दौड़ का था । इस दौड़ फासला 3 किलोमीटर रखा गया था । लगभग 20 साइकिल सवारों ने इसमें भाग लिया । वे बड़ी तेजी से होकर पास से निकल गए । यह दौड़ उमाशंकर ने जीती ।

विभिन्न कूदें:

दौडों के बाद कूदों का नम्बर आया । इनमें लाग जम्प, हाई जम्प, और ट्रिपल जम्प रखे गये थे । यह सभी कूदें भी बड़ी रुचिकर रहीं ।

अन्य खेलकूद:इसके बाद कुछ ऐसे खेलकूद रखे गए, जिनमें शक्तिशाली और स्वस्थ बालक ही भाग ले सकते थे । जैसे शॉट-फुट, ढिस्क्स थ्रो, और हैमर थ्रो । मैंने इनमें से किसी आइटम में भाग नहीं लिया, क्योंकि मुझे इनमें कोई रुचि नहीं है ।

भार उठाना:

अब एक अन्य रोचक आइटम प्रारम्भ हुआ । यह भार उठाने की प्रतियोगिता थी । पिछले वर्ष अरुण ने इस खेल की जूनियर चैम्पियनशिप जीती थी । हम उसके काम को देखना चाहते थे । वह जब मैदान में उतरा तो जोरदोर तालियों से उसका स्वागत हुआ । उसका शरीर बड़ा सुदृढ़ और माँसल था । उसने बड़ी आसानी से भार को उठाकर प्रतियोगिता जीत ली । उसकी सभी ने प्रशंसा की ।

अध्यापकों की दौड़:

कार्यक्रम का अन्तिम आइटम अध्यापकों की दौड़ था जिसकी प्रतीक्षा हम बड़ी बेसब्री से कर रहे थे । सभी अध्यापकों ने इसमें भाग लिया । यह दौड़ हमारे ड्रांइग टीचर श्री के.सी सिंघल ने जीती ।

उपसंहार:

खेलों की समाप्ति के बाद पुरस्कार वितरित किए गए । अरुण को स्कूल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी घोषित किया गया । ड्रांइग टीचर को इनाम में एक छोटी-सी गुड़िया दी गई, जिसे देख कर सभी खूब हसे । इसके बाद सभी विद्यार्थियों को मिठाई बीटी गई । मिठाई लिए हुए हम सब इसी-खुशी घर लौट पड़े ।

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