write a paragraph on weather and crops of Meghalay in hindi
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मेघालय (UK /meɪˈɡɑːləjə/, US /ˌmeɪɡəˈleɪə/) पूर्वोत्तर भारत का एक राज्य है जिसका शाब्दिक अर्थ है बादलों का घर । 2016 के अनुसार यहाँ की जनसंख्या 32,11,474 है[3] एवं विस्तार 220 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में है, जिसका लम्बाई से चौड़ाई अनुपात लगभग 3:1 का है।[4] राज्य का दक्षिणी छोर मयमनसिंह एवं सिलहट बांग्लादेशी विभागों से लगता है, पश्चिमी ओर रंगपुर बांग्लादेशी भाग तथा उत्तर एवं पूर्वी ओर भारतीय राज्य असम से घिरा हुआ है। राज्य की राजधानी शिलांग है। भारत में ब्रिटिश राज के समय तत्कालीन ब्रिटिश शाही अधिकारियों द्वारा इसे "पूर्व का स्काटलैण्ड" संज्ञा दी गयी थी।[5] मेघालय पहले असम राज्य का ही भाग था, 21 जनवरी 1972 को असम के खासी, गारो एवं जैन्तिया पर्वतीय जिलों को काटकर नया राज्य मेघालय अस्तित्व में लाया गया। यहाँ की आधिकारिक भाषा अंग्रेजी है। इसके अलावा अन्य मुख्यतः बोली जाने वाली भाषाओं में खासी, गारो, प्नार, बियाट, हजोंग एवं बांग्ला आती हैं। इनके अलावा यहाँ हिंदी भी कुछ कुछ बोली समझी जाती है जिसके बोलने वाले मुख्यतः शिलांग में मिलते हैं। भारत के अन्य राज्यों से अलग यहाँ मातृवंशीय प्रणाली चलती है, जिसमें वंशावली माँ (महिला) के नाम से चलती है और सबसे छोटी बेटी अपने माता पिता की देखभाल करती है तथा उसे ही उनकी सारी संपत्ति मिलती है।[5]
यह राज्य भारत का आर्द्रतम क्षेत्र है, जहाँ वार्षिक औसत वर्षा 12,000 मि॰मी॰ (470 इंच) दर्ज हुई है।[4] राज्य का 70% से अधिक क्षेत्र वनाच्छादित है।[6] राज्य में मेघालय उपोष्णकटिबंधीय वन पर्यावरण क्षेत्रों का विस्तार है, यहाँ के पर्वतीय वन उत्तर से दक्षिण के अन्य निचले क्षेत्रों के उष्णकटिबन्धीय वनों से पृथक हैं। ये वन स्तनधारी पशुओ, पक्षियों तथा वृक्षों की जैवविविधता के मामलों में विशेष उल्लेखनीय हैं।
मेघालय में मुख्य रूप से कृषि-आधारित अर्थव्यवस्था(अग्रेरियन) है जिसमें वाणिज्यिक वन उद्योग का अत्यंत महत्त्वपूर्ण स्थान है। यहाँ की मुख्य फसल में आलू, चावल, मक्का, अनान्नास, केला, पपीता एवं दालचीनी, हल्दी आदि बहुत से मसाले, आदि हैं। सेवा क्षेत्र में मुख्यतः अचल संपत्ति एवं बीमा कम्पनियाँ हैं। वर्ष 2012 के लिये मेघालय का सकल राज्य घरेलू उत्पाद ₹16,173 करोड़ (US$2.36 बिलियन) अनुमानित था। राज्य भूगर्भ संपदाओं की दृष्टि से खनिजों से सम्पन्न है किंतु अभी तक इससे संबंधित कोई उल्लेखनीय उद्योग चालू नहीं हुए हैं।[5] राज्य में लगभग 1,170 कि॰मी॰ (730 मील) लंबे राष्ट्रीय राजमार्ग बने हैं। यह बांग्लादेश के साथ व्यापार के लिए एक प्रमुख लॉजिस्टिक केंद्र भी है।[