Hindi, asked by ramankataria939, 8 months ago

write a poem on कुदरत के बदलते in hindi


pls write a poem in hindi about 80 words​

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Answered by ismart64
1

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your answer ...................................

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Answered by VonishaManwani
0

Answer:

इंसान ही इंसान के साए से डर रहा है

यह कैसा वक्त चल रहा है

चारों ओर मौत का साया है

karmo का लेखा-जोखा अब सामने आया है

दंभ भरता था जैसे shrishti को मैंने ही बनाया है

कुदरत के एक ही झटके ने तोड़ दिया मनुष्य का अहम

जो जी रहा था मैं ही हूँ sarvsreshtra के लिए वहम

समय समय पर पकृति अपना उपचार स्वयं ही करती हैं

अपसनी सारी पीड़ा वह सवमं ही हरती है

दिखा दी है मनुष्य को उसने अपनी औकात

बता दी है पकृति है उसे इश्वर pradat एक सौगात

अभी तो केवल उसने हमें चेताया है

कोरोना रूपी दूत हमें भेज हमें डराया है

ना कर कुदरत से छेड़छाड यह हमें समझाया है

जब जब करेंगे हम पकृति को नष्ट

भुगतने ही होंगे हम ठेर सारे कष्ट

जीव-जंतुओं कोभी है धरती पर रहने का हक

तु इसे केवल अपनी ना समझ

आज फिर कुदरत ने अटृहास लगाया है

मनुष्य सवमं ही अपनी हालत का

जिम्मेदार यह बतलाया है।

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