Write a self composed beautiful poem on the Awareness of coronavirus .
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कोरोना वाइरस से बचे !
वुहान से फैला ये एक कहर है,
पूरे दुनिया में फैल रहा जैसे एक जहर हैं
ना कोई वैक्सीन है अभी,
ना कोई दवा,
सिर्फ दूर रहकर बचना,
अब यही है एक मात्र तरीका ।
घर में ही रहे,
बाहर निकलने से बचे,
सैनीटाईज़र का उपयोग करे,
यही है एक मात्र तरीका ।
एक मीटर दूर रहे,
ज्यादा भीड़ ना करे,
फंक्शन आयोजित तो ना ही करे,
कोरोना से अब इसी तरह बचे ।
अपने चेहरे को छूने से बचे,
बाहर ना जाए - घर पर ही रहे,
जरूरी पड़े तभी बाहर कदम रखे,
कुछ इसी तरह आप रहेंगे बचे - बचे ।
सरकार का सहयोग करे,
कोरोना से ना डरे,
खुद पर विश्वास रखे,
इसी तरह इस कहर से बचे,
इसी तरह इस जहर से बचे !!
- ItzSēnõrıta
Self Composed poem - Corona Virus
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कोराना का उपचार सिवाय बचाव के ना,
घर बाहर जाने को, अधीर ना होइए।
छूत की है बिमारी ये, छूने से ही फैलती है
बाहर से ला घर में, बीज मत बोइए।
सुरक्षा हमारे हाथ, साथ साथ हाथ गंदे
सेनेटाइजर से भी, बार -बार धोइए।
कहे विक्रम , इतना सा रखो ध्यान,
सुरक्षित मान कर, खूँटी तान सोइए।
कोराना से अछूता ना दुनिया का कौना कौना,
साफ धोना हाथ निज, तय कर लीजिए।
सिवाय सफाई के ना, इसका इलाज कोई,
निकाल डर मन से तन साफ कीजिए।
ज्यादा भीड़भाड़ जहॉं, वहॉं आना जाना ना,
यात्रा की मात्रा भी कम कर दीजिए।
कहे विक्रम , बदलो अपनी बान,
झूठी अफवाहों पर ध्यान मत दीजिए।
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- Vikram Charan (@Vikram991)