write a self created poem on any topic in Hindi
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पर किसने???
वो बोलता है...
मैं कुछ कर नहीं सकत
ऐसा नहीं है
मैं चाहता हूँ
बहुत कुछ करना चाहता हूँ
मगर पता नहीं क्यूँ?
कर नहीं पाता हूँ
जैसे किसी ने हाथ बांध दिए हों
जैसे मेरे विचार किसी के ग़ुलाम हों
ऐसा होते तो देखा है मैंने किताबों में
वहां मुख्य पात्र की जान
किसी तोते या गुड़िया में क़ैद थी
ऐसा ही लगता है मुझे
कई बार...
जब कुछ करने का सोचता हूँ
तो सोच नहीं पाता हूँ
शायद इसलिए..
क्यूंकि मेरे विचार मेरे हैं ही नहीं
जैसे मेरी सोच पे किसी ने पर्दा डाला हो
ताकी वो दुनिया से बातें ना कर सके।
पर किसने???
वो बोलता है...
मैं कुछ कर नहीं सकत
ऐसा नहीं है
मैं चाहता हूँ
बहुत कुछ करना चाहता हूँ
मगर पता नहीं क्यूँ?
कर नहीं पाता हूँ
जैसे किसी ने हाथ बांध दिए हों
जैसे मेरे विचार किसी के ग़ुलाम हों
ऐसा होते तो देखा है मैंने किताबों में
वहां मुख्य पात्र की जान
किसी तोते या गुड़िया में क़ैद थी
ऐसा ही लगता है मुझे
कई बार...
जब कुछ करने का सोचता हूँ
तो सोच नहीं पाता हूँ
शायद इसलिए..
क्यूंकि मेरे विचार मेरे हैं ही नहीं
जैसे मेरी सोच पे किसी ने पर्दा डाला हो
ताकी वो दुनिया से बातें ना कर सके।
पर किसने???
canjali837p9opt7:
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Sapna
Maine dekha ek sapna
Sapne mein aayi ek pari
Pari ne mujhe paas bulaya
legayi chaand sitaaro par,
Tab Maine jaana ki chaand par bhi jeevan hai
Maine dekha ek sapna
Sapne mein aayi ek pari
Pari ne mujhe paas bulaya
legayi chaand sitaaro par,
Tab Maine jaana ki chaand par bhi jeevan hai
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