✍✍✍ write a short note on : ✍✍✍✍
"BAARINDRAKUMAR GHOSH"
DON'T COPY
☺☺☺☺☺☺☺☺☺☺☺☺☺☺☺
Answers
Answered by
6
Hyyy Mate
❤️प्रारंभिक जीवन❤️
⏭️श्री बरिन्द्रनाथ घोष का जन्म 5 जनवरी 1880 को लन्दन के पास क्रोयदन (croydon) नमक कसबे में हुआ था। उनके पिता श्री कृष्नाधन घोष एक नामी चिकित्सक व प्रतिष्ठित जिला सर्जन थे जबकि उनकी माता देवी स्वर्णलता प्रसिद्ध समाज सुधारक व विद्वान राजनारायण बासु की पुत्री थीं। श्री अरविन्द, जो की पहले क्रन्तिकारी और फिर अध्यात्मवादी हो गए थे, उनके तीसरे बड़े भाई थे जबकि उनके दूसरे बड़े भाई श्री मनमोहन घोष अंग्रेजी साहित्य के विद्वान, कवि और कलकत्ता के प्रेसिडेंसी कॉलेज व ढाका यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी के प्रोफ़ेसर थे।
⏭️बारिन घोष की स्कूली शिक्षा देवगढ में हुई व 1901 में प्रवेश परीक्षा पास करके उन्होंने पटना कॉलेज में दाखिला लिया। बरोड़ा में उन्होंने मिलिट्री ट्रेनिंग ली। इसी समय श्री अरविन्द से प्रभावित होकर उनका झुकाव क्रांतिकारी आन्दोलन की तरफ हुआ।
⏭️बारींद्रनाथ घोष (5 जनवरी 1880 - 18 अप्रैल 1959) भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार तथा "युगांतर" के संस्थापकों में से एक थे। वह 'बारिन घोष' नाम से भी लोकप्रिय हैं। बंगाल में क्रांतिकारी विचारधारा को फेलाने का श्री बारीन्द्र और भूपेन्द्र नाथ दत्त (स्वामी विवेकानंद जी के छोटे भाई) को ही जाता है। महान अध्यात्मवादी श्री अरविन्द घोष उनके बड़े भाई थे।
❤️क्रांतिकारी गतिविधियाँ ❤️
⏭️1902 में बारीन्द्र कलकत्ता वापस आये और यतीन्द्रनाथ मुखर्जी (बाघ जतिन) के साथ मिलकर बंगाल में अनेक क्रांतिकारी समूहों को संगठित करना शुरू कर दिया।
✳️✍️✳️✍️✳️✍️✳️✍️✳️✍️✳️
✨
♦️♦️
✨✨✨
♦️♦️♦️♦️
✨✨✨✨✨
♦️♦️♦️♦️♦️♦️
✨✨✨✨✨✨✨
♦️K♦️I♦️R♦️A♦️N♦️
❤️प्रारंभिक जीवन❤️
⏭️श्री बरिन्द्रनाथ घोष का जन्म 5 जनवरी 1880 को लन्दन के पास क्रोयदन (croydon) नमक कसबे में हुआ था। उनके पिता श्री कृष्नाधन घोष एक नामी चिकित्सक व प्रतिष्ठित जिला सर्जन थे जबकि उनकी माता देवी स्वर्णलता प्रसिद्ध समाज सुधारक व विद्वान राजनारायण बासु की पुत्री थीं। श्री अरविन्द, जो की पहले क्रन्तिकारी और फिर अध्यात्मवादी हो गए थे, उनके तीसरे बड़े भाई थे जबकि उनके दूसरे बड़े भाई श्री मनमोहन घोष अंग्रेजी साहित्य के विद्वान, कवि और कलकत्ता के प्रेसिडेंसी कॉलेज व ढाका यूनिवर्सिटी में अंग्रेजी के प्रोफ़ेसर थे।
⏭️बारिन घोष की स्कूली शिक्षा देवगढ में हुई व 1901 में प्रवेश परीक्षा पास करके उन्होंने पटना कॉलेज में दाखिला लिया। बरोड़ा में उन्होंने मिलिट्री ट्रेनिंग ली। इसी समय श्री अरविन्द से प्रभावित होकर उनका झुकाव क्रांतिकारी आन्दोलन की तरफ हुआ।
⏭️बारींद्रनाथ घोष (5 जनवरी 1880 - 18 अप्रैल 1959) भारत के महान स्वतंत्रता सेनानी और पत्रकार तथा "युगांतर" के संस्थापकों में से एक थे। वह 'बारिन घोष' नाम से भी लोकप्रिय हैं। बंगाल में क्रांतिकारी विचारधारा को फेलाने का श्री बारीन्द्र और भूपेन्द्र नाथ दत्त (स्वामी विवेकानंद जी के छोटे भाई) को ही जाता है। महान अध्यात्मवादी श्री अरविन्द घोष उनके बड़े भाई थे।
❤️क्रांतिकारी गतिविधियाँ ❤️
⏭️1902 में बारीन्द्र कलकत्ता वापस आये और यतीन्द्रनाथ मुखर्जी (बाघ जतिन) के साथ मिलकर बंगाल में अनेक क्रांतिकारी समूहों को संगठित करना शुरू कर दिया।
✳️✍️✳️✍️✳️✍️✳️✍️✳️✍️✳️
✨
♦️♦️
✨✨✨
♦️♦️♦️♦️
✨✨✨✨✨
♦️♦️♦️♦️♦️♦️
✨✨✨✨✨✨✨
♦️K♦️I♦️R♦️A♦️N♦️
Answered by
4
Explanation:
Your real name is Jannat jubir .Please follow me Your profile picture is really you
Attachments:
jack626259:
Please following me .I am your follower
Similar questions