Write a very short essay about mera sapnom ka bharath in hindi
Answers
Answered by
0
मैं भारत का निवासी हूँ। मुझे अपने देश पर गर्व है। मैं अपने सपनों में एक महान देश की कल्पना करता हूँ।
मेरे सपनों का भारत ऐसा होगा जिसमें सब देशवासी सुख-शांति से रह सकेंगे। यह भारत प्राचीन गौरवशाली भारत के समान होगा प्राचीनकाल में भारत को ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था। वर्तमान समय में भारत निर्धनता के दौर से गुजर रहा है। हम विदेशी आर्थिक सहायता पर आश्रित हैं। मैं उस भारत की कल्पना करता हूँ जिसमें आर्थिक सम्पन्नता हो। हमारा जीवन समृद्ध हो तथा हम किसी देश के सम्मुख हाथ न फैलाएँ।
भारत सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से विश्व का मार्ग-दर्शक रहा है। हमारे नालंदा एवं तक्षशिला विश्वविद्यालय में विश्वभर से विद्यार्थी पढ़ने आया करते थे। आज हम विदेश में जाकर शिक्षा ग्रहण करने में गौरव का अनुभव करते हैं। मैं ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जिसमें हम एक बार पुनः सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से विश्व का नेतृत्व कर सकेंगे। हमारी संस्कृति विश्व की श्रेष्ठ संस्कृति है। हमें अपना महत्व पुनः स्थापित करना होगा।
मैं एक ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जो सभी के शोषण से मुक्त होगा। वहाँ न तो पूँजीपति वर्ग किसान-मजदूरों पर शोषण कर पाएगा और न राजनीतिज्ञ आम जनता का। उस भारत में सभी को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध होगें। समानता एवं भ्रातत्व का भाव सभी के हदय में विद्यमान होगा। वर्तमान समय में भारत में अशिक्षा सबसे बड़ा अभिशाप है। इससे छुटकारा पाए बिना भारत उन्नति नहीं कर सकता। मेरे सपनों का भारत पूर्णतः साक्षर होगा। वहाँ सभी को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर होगा। शिक्षा पाकर वे एक जागरूक नागरिक की भाँति जीवन बिताएँगे।
मैं एक ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जहाँ साम्प्रदायिक एकता स्थापित होगी। सभी धर्म एवं सम्प्रदाय के लोग आपस में मिल-जुलकर रह सकेंगे। उस भारत में आतंकवाद का नामोनिशान तक नहीं होगा। सभी निवासी इसे अपना देश समझेगें। लोगों के हदयांे में प्रेंम, करूणा, परोपकार, अहिंसा और सत्य के लिए आदर का भाव होगा।
मेरे सपनों का भारत ऐसा होगा जिसमें सब देशवासी सुख-शांति से रह सकेंगे। यह भारत प्राचीन गौरवशाली भारत के समान होगा प्राचीनकाल में भारत को ‘सोने की चिड़िया’ कहा जाता था। वर्तमान समय में भारत निर्धनता के दौर से गुजर रहा है। हम विदेशी आर्थिक सहायता पर आश्रित हैं। मैं उस भारत की कल्पना करता हूँ जिसमें आर्थिक सम्पन्नता हो। हमारा जीवन समृद्ध हो तथा हम किसी देश के सम्मुख हाथ न फैलाएँ।
भारत सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से विश्व का मार्ग-दर्शक रहा है। हमारे नालंदा एवं तक्षशिला विश्वविद्यालय में विश्वभर से विद्यार्थी पढ़ने आया करते थे। आज हम विदेश में जाकर शिक्षा ग्रहण करने में गौरव का अनुभव करते हैं। मैं ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जिसमें हम एक बार पुनः सांस्कृतिक एवं आध्यात्मिक दृष्टि से विश्व का नेतृत्व कर सकेंगे। हमारी संस्कृति विश्व की श्रेष्ठ संस्कृति है। हमें अपना महत्व पुनः स्थापित करना होगा।
मैं एक ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जो सभी के शोषण से मुक्त होगा। वहाँ न तो पूँजीपति वर्ग किसान-मजदूरों पर शोषण कर पाएगा और न राजनीतिज्ञ आम जनता का। उस भारत में सभी को प्रगति के समान अवसर उपलब्ध होगें। समानता एवं भ्रातत्व का भाव सभी के हदय में विद्यमान होगा। वर्तमान समय में भारत में अशिक्षा सबसे बड़ा अभिशाप है। इससे छुटकारा पाए बिना भारत उन्नति नहीं कर सकता। मेरे सपनों का भारत पूर्णतः साक्षर होगा। वहाँ सभी को शिक्षा प्राप्त करने का अवसर होगा। शिक्षा पाकर वे एक जागरूक नागरिक की भाँति जीवन बिताएँगे।
मैं एक ऐसे भारत की कल्पना करता हूँ जहाँ साम्प्रदायिक एकता स्थापित होगी। सभी धर्म एवं सम्प्रदाय के लोग आपस में मिल-जुलकर रह सकेंगे। उस भारत में आतंकवाद का नामोनिशान तक नहीं होगा। सभी निवासी इसे अपना देश समझेगें। लोगों के हदयांे में प्रेंम, करूणा, परोपकार, अहिंसा और सत्य के लिए आदर का भाव होगा।
Similar questions