Hindi, asked by komalchauhan8920, 3 months ago

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Answered by gujjarvansh050981
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आत्मनिर्भर भारत पर निबंध (Aatm Nirbhar Bharat Par Nibandh in Hindi) : आत्मनिर्भर भारत अभियान की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस की अर्थव्यवस्था को सुधारने के लिए की थी।

आत्मनिर्भर भारत पर निबंध हिंदी में (250 words): इस अभियान के द्वारा भारत में लोगों को काम काज करने की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी और यह प्रयत्न किया जाएगा कि अगले कुछ सालों में भारत अपनी जरूरतों की अधिकतर वस्तुएं अपने देश में ही तैयार करें अर्ताथ आत्मनिर्भर बन जाए।

Explanation:

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Answered by komalchauhan1
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Answer:

हाल ही में भारतीय प्रधानमंत्री ने भारतीय उद्योग परिसंघ वार्षिक सत्र 2020 को वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से संबोधित करते हुए आत्मनिर्भर भारत के निर्माण की आवश्यकता पर बल दिया है। कि हमें आप निर्भरता का जो फैसला है। वह लेना चाहिए भारत जो कि वासुदेव कुटुंबकम की संकल्पना में विश्वास करता है।

भारत अगर प्रगति करता है। तो वह दुनिया की प्रगति में भी अपना योगदान देता है। आत्मनिर्भर भारत कार्यक्रम के तहत भारत को उस बाज की तरह ऊंची उड़ान भरनी चाहिए जो कि सबसे ऊपर पहुंच कर भी हर जीव पर नजर रखता है।

प्रधानमंत्री द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान का आह्वान करते हुए 20 लाख करोड़ रूपए की विशेष आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी।

जीवन में शिक्षा का महत्व पर निबंध: शिक्षा एकमात्र आधार है जिस पर मानव जाति का भविष्य निर्भर करता है।

हम अपने प्राचीन जो हमारे महापुरुष उनकी बात करते हैं, हमारे राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का सपना था कि भारत स्वदेशी चीजों को अपनाएं तथा देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएं। वर्तमान समय में फिर से आज मुझे उनका यह सपना पूरा होता नजर आ रहा है

आत्म निर्भरता का अर्थ यह नहीं है। कि हम चीन के सामान या अन्य किसी देश के समान का आयात बंद कर दें। ऐसा नहीं है कि हम उनका इंपोर्ट बंद कर दे। इसका मतलब है कि हमारा खुद का सामान इतना सस्ता और अच्छा होगी विदेश का माल को छोड़कर लोग स्वयं जो स्वदेशी माल है उसको खरीदें।

क्योंकि कहा गया है कि जबरदस्ती कराया गया काम कुछ वर्ष लेकिन स्वेच्छा से किया गया काम उम्र भर चलता है।

चलिए आगे बढ़ते हैं अतः अंत में हम जिस राष्ट्र की मिट्टी में पले बढ़े हुए हैं जिस राष्ट्र का हमने खाया है, क्यों ना उस राष्ट्र का कर्ज हम स्वदेशी वस्तुओं को अपनाकर भारत को विकासशील नहीं बल्कि विकसित देशों में शामिल करैं।

तभी हम पूरी तरह से कह पाएंगे कि हां मैं भारत का निवासी हूं। जो कि आर्थिक सामाजिक राजनीतिक दृष्टिकोण से स्वतंत्र राष्ट्र है। तो तभी हमारा स्वतंत्र भारत का सपना पूरा हो सकेगा।

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