Hindi, asked by geniusboys, 1 year ago

write an essay on anushasan in Hindi

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Answered by jarolishana
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अनुशासन पर निबंध 6 (400 शब्द)

अनुशासन कुछ ऐसा है जो सभी को अच्छे से नियंत्रित किये रखता है। ये व्यक्ति को आगे बढ़ने के लिये प्रेरित करता है और सफल बनाता है। हम में से हर एक ने अपने जीवन में समझदारी और जरुरत के अनुसार अनुशासन का अलग-अलग अनुभव किया है। जीवन में सही रास्ते पर चलने के लिये हर एक व्यक्ति में अनुशासन की बहुत जरुरत पड़ती है। अनुशासन के बिना जीवन बिल्कुल निष्क्रिय और निर्थक हो जाता है क्योंकि कुछ भी योजना अनुसार नहीं होता है। अगर हमें किसी भी प्रोजेक्ट को पूरा करने के बारे में अपनी योजना को लागू करना है तो सबसे पहले हमें अनुशासन में होना पड़ेगा। अनुशासन दो प्रकार का होता है एक वो जो हमें बाहरी समाज से मिलता है और दूसरा वो जो हमारे अंदर खुद से उत्पन्न होता है। हालाँकि कई बार, हमें किसी प्रभावशाली व्यक्ति से अपने स्व-अनुशासन आदतों में सुधार करने के लिये प्रेरणा की जरुरत होती है।

हमारे जीवन के कई पड़ावों पर बहुत से रास्तों पर हमें अनुशासन की जरुरत पड़ती है इसलिये बचपन से ही अनुशासन का अभ्यास करना अच्छा होता है। स्व-अनुशासन का सभी व्यक्तियों के लिये अलग-अलग अर्थ होता है जैसे विद्यार्थियों के लिये इसका मतलब है सही समय पर एकाग्रता के साथ पढ़ना और दिये गये कार्य को पूरा करना। हालाँकि काम करने वाले इंसान के लिये सुबह जल्दी उठना, व्यायाम करना, समय पर कार्यालय जाना और ऑफिस के कार्य को ठीक ढंग से करना। हर एक में स्व-अनुशासन की बहुत जरुरत है क्योंकि आज के आधुनिक समय में किसी को भी दूसरों को अनुशासन के लिये प्रेरित करने का समय नहीं है। बिना अनुशासन के कोई भी अपने जीवन में असफल हो सकता है, अनुशासन के बिना कोई भी इंसान कभी भी अपने अकादमिक जीवन या दूसरे कार्यों की खुशी नहीं मना सकता।

स्व-अनुशासन की जरुरत हर क्षेत्र में होती है जैसे संतुलित भोजन करना (मोटापे और बेकार खाने को नियंत्रित करना), नियमित व्यायाम (इसके लिये एकाग्रता की जरुरत है) आदि। गड़बड़ और अनियंत्रित खाने-पीने से किसी को भी स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याएँ हो सकती हैं इसलिये स्वस्थ रहने के लिये अनुशासन की जरुरत है। अभिवावक को स्व-अनुशासन को विकसित करने की जरुरत है क्योंकि उसी से वो अपने बच्चों को एक अच्छा अनुशासन सिखा सकते हैं। उन्हें हर समय अपने बच्चों को प्रेरित करते रहने की जुरुरत पड़ती है जिससे वो दूसरों से अच्छा व्यवहार करें और हर कार्य को सही समय पर करें। कुछ शैतान बच्चे अपने माता-पिता के अनुशासन को नहीं मानते हैं, ऐसे वक्त में अभिभावकों को हिम्मत और धैर्य के साथ अपने बदमाश बच्चों को सिखाना चाहिये। प्रकृति के अनुसार अनुशासन को ग्रहण करने की सभी व्यक्ति का अलग समय और क्षमता होती है । इसलिये, कभी हार मत मानो और लगातार प्रयास करते रहो अनुशासन में होने को, छोटे-छोटे कदमों से ही बड़ी मंजिलें हासिल की जा सकती हैं।


geniusboys: aweome answer
jarolishana: thanks
arun725365: can u mark me brainlist answer plz
jarolishana: can you mark me?
geniusboys: happy
jarolishana: thanks!! well i was just joking....but thanks
arun725365: plz mark me brainlist
arun725365: plz genious bro plz
geniusboys: dushit payjal ki samsya hetu sawastye adikari ko patra in hindi you help mr
Answered by arun725365
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अनुशासन का मतलब है, किसी काम को सही तरीके से संपादित करना। ऐसा करने में हमें अतिरिक्त मेहनत करने की जरूरत पड़ सकती है, पर यह भी सच है कि मंजिल तक पहुंचने का यही एक रास्ता है। जो अनुशासित रहते हुए अपने काम में अथक परिश्रम करते हैं, सफलता उनको ही नसीब होती है। अनुशासन का पालन करना आपके लिए कई बार कष्टप्रद हो सकता है, पर अंततः वह आपको सफलता की ओर ही ले जाता है।

व्यक्ति का स्वभाव ही ऐसा होता है कि वह नतीजे की परवाह किए बिना ही अपनी इच्छा के अनुसार काम करना पसंद करता है और नियमानुसार काम करने की बजाय शॉर्ट कट तरीका अपनाता है या गलत ढंग से सफलता प्राप्त करने की कोशिश करता है। अनुशासन रहित ऐसा प्रयास हो सकता है कि व्यक्ति को क्षणिक सफलता दिला दे, पर आखिरकार इससे नाकामी ही हासिल होती है। इसलिए अपने काम में अनुशासन जरूरी है। तभी काम को पूरा करने का दृढ़ संकल्प भी हमारे मन में बना रहता है। अनुशासन व्यक्ति, समाज और देश दोनों के लिए बेहद जरूरी है।

अगर किसी बच्चे को आप उसकी इच्छानुसार चॉकलेट खाने की आजादी दे दें, तो क्या आप इससे होने वाले दुष्परिणामों की कल्पना कर सकते हैं? लगभग सभी बच्चे चॉकलेट खाना पसंद करते हैं। चॉकलेट खाने की आजादी का परिणाम होता है कि वे बस चॉकलेट खाते ही चले जाते हैं। ऐसे में चॉकलेट खाने की उनकी आदत में अनुशासन कमी नजर आने लगती है। फलस्वरूप वे बीमार पड़ जाते हैं। स्पष्ट है कि यदि अनुशासित ढंग से वे एक या दो चॉकलेट रोजाना खाएं, तो चॉकलेट खाने का सही आनंद उठा सकते हैं। उपर्युक्त उदाहरण जीवन में अनुशासन की जरूरत और महत्ता को दर्शाता है।

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अनुशासन का पालन करने का अर्थ यह नहीं है कि आप नियमों और तौर-तरीकों के गुलाम हो गए और आपकी आजादी छिन गई। यह सोच गलत है। अगर ट्रेन को पटरी से उतार दें, तो वह आजाद हो जाएगी। लेकिन जरा सोचिए, ऐसे में क्या वह चल पाएगी? अगर इंसान खुद ही अपना ट्रैफिक कानून बनाने लगे, तो फिर ट्रैफिक का क्या हाल होगा, आप इसका सहज ही अनुमान लगा सकते हैं। अनुशासन आजादी में खलल नहीं है, बल्कि नियम-कानून के अनुसार किसी काम को करने की सीख है। इसलिए अनुशासित बनें और लक्ष्य पर निगाह रखें, आपको सफल होने से कोई रोक नहीं सकता।


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