Hindi, asked by Anonymous, 1 year ago

Write an essay on beti bachao beti padhao in hindi.

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Answered by taijash40p
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Beti Bachao Beti Padhao Essay in Hindi आखिर हमें बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ के इस अभियान की जरूरत क्यों पड़ी जाहिर है इसके पीछे कन्या भ्रूण हत्या के कारण देश में तेजी से घटता लिंगानुपात है जिसके कारण अनेक सामाजिक समस्याएं समाज में उत्पन्न हो रही है आखिर कन्या भ्रूण हत्या क्यों की जाती है इसके पीछे छुपी मानसिकता क्या है इसके क्या खतरे हैं इसका समाज पर क्या प्रभाव पड़ रहा है तथा कैसे इस समस्या का निदान किया जा सकता|

मैं माताओं से पूछना चाहता हूं कि बेटी नहीं पैदा होगी तो बहू कहां से लाओगे हम जो चाहते हैं समाज भी वही चाहता है हम चाहते हैं कि बहु पढ़ी-लिखी मिले वीडियो को पढ़ाने के लिए हम तैयार नहीं होते हैं आखिर यह दोहरापन कब तक चलेगा यदि हम बेटी को पढ़ा नहीं सकते तो शिक्षित बहू की उम्मीद करना भी बेमानी है जिस धरती पर मानवता का संदेश दिया गया हो वहां बेटियों की हत्या बहुत ही दुख देती है भारत के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी के जो 22 जनवरी 2015 को हरियाणा के पानीपत से बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ अभियान की शुरुआत पर व्यक्त कर रहे थे यह अभियान केंद्र सरकार के महत्वकांक्षी कार्यक्रमों में से एक है|

कन्या भ्रूण हत्या लड़कों को प्राथमिकता देने तथा कन्या जन्म से जुड़े निम्न सामाजिक मूल्यों के कारण जान मुझ की की गई हत्या होती है कन्या भ्रूण हत्या उन क्षेत्रों में अधिक होती है जहां के सांस्कृतिक मूल्य लड़के को करने की तुलना में अधिक महत्व देते हैं भारत में यह प्रथा कोई नहीं नहीं है मध्य काल से इस प्रथा के अस्तित्व में आने के प्रमाण मिले हैं जब मुस्लिम आक्रमण कार्य तथा शासक वर्ग के द्वारा लड़कियों का शोषण किया जाता था इनसे बचने के लिए कन्या शिशु को मारने की परंप

Answered by mah12345
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बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ पर निबंध (300 शब्द)

हरियाणा के पानीपत में 22 जनवरी 2015 को पीएम नरेन्द्र मोदी के द्वारा बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ के नाम से एक सरकारी योजना की शुरुआत हुई। भारतीय समाज में लड़कियों की दयनीय दशा को देखते हुए इस कार्यक्रम की शुरुआत की गयी। आँकड़ों के अनुसार, 1991 में (0-6 वर्ष के उम्र के) हर 1000 लड़कों पर 945 लड़कियाँ है, जबकि 2001 में लड़कियों की संख्या 927 पर और दुबारा 2011 में इसमें गिरावट होते हुए ये 1000 लड़कों पर 918 पर आकर सिमट गयी। अगर हम सेंसस के आँकड़ों पर गौर करें तो पाएँगे कि हर दशक में लड़कियों की संख्या में लगातार गिरावट दर्ज हुई है। ये धरती पर जीवन की संभावनाओं के लिये भी खतरे का निशान है। अगर जल्द ही लड़कियों से जुड़े ऐसे मुद्दों को सुलझाया नहीं गया तो आने वाले दिनों में धरती बिना नारियों की हो जायेगी और तथा कोई नया जन्म नहीं होगा।

देश में लड़कियों के बुरे आँकड़ों को ध्यान में रखते हुए, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ योजना की शुरुआत की। ये बेहद प्रभावकारी योजना है जिसके तहत लड़कियों की संख्या में सुधार, इनकी सुरक्षा, शिक्षा, कन्या भ्रूण हत्या का उन्मूलन, व्यक्तिगत और पेशेवर विकास आदि का लक्ष्य पूरे देश भर में है।  इसे सभी राज्य और केन्द्र शासित प्रदेशों में लागू करने के लिये एक राष्ट्रीय अभियान के द्वारा देश (केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्रालय, स्वास्थ्य तथा महिला एवं बाल विकास मंत्रालय) के 100 चुनिंदा शहरों में इस योजना को लागू किया गया है। इसमें कुछ सकारात्मक पहलू ये है कि ये योजना लड़कियों के खिलाफ होने वाले अपराध और गलत प्रथाओं को हटाने के लिये एक बड़े कदम के रुप में साबित होगा। हम ये आशा करते हैं कि आने वाले दिनों में सामाजिक-आर्थिक कारणों की वजह से किसी भी लड़की को गर्भ में नहीं मारा जायेगा, अशिक्षित नहीं रहेंगी, असुरक्षित नहीं रहेंगी, बलात्कार नहीं होगा आदि। अत: पूरे देश में लैंगिक भेदभाव को मिटाने के द्वारा बेटी-बचाओ बेटी-पढ़ाओ योजना का लक्ष्य लड़कियों को आर्थिक और सामाजिक दोनों तरह से स्वतंत्र बनाने का है।

 


mah12345: mark as brainliest
Anonymous: ok
Anonymous: thanks so much
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