Hindi, asked by fathima9157, 7 months ago

Write an Essay On Bhrashtachar In Hindi

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Answered by ishayadav80
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Explanation:

जब कोई व्यक्ति न्याय व्यवस्था के मान्य नियमों के विरूद्ध जाकर अपने स्वार्थ की पूर्ति के लिए गलत आचरण करने लगता है तो वह व्यक्ति भ्रष्टाचारी कहलाता है। आज भारत जैसे सोने की चिड़िया कहलाने वाले देश में भ्रष्टाचार अपनी जड़े फैला रहा है। आज भारत में ऐसे कई व्यक्ति मौजूद हैं जो भ्रष्टाचारी है। आज पूरी दुनिया में भारत भ्रष्टाचार के मामले में 94वें स्थान पर है। भ्रष्टाचार के कई रंग-रूप है जैसे रिश्वत, काला-बाजारी, जान-बूझकर दाम बढ़ाना, पैसा लेकर काम करना, सस्ता सामान लाकर महंगा बेचना आदि। भ्रष्टाचार के कई कारण है। जानिए...

भ्रष्टाचार में मुख्य घूस यानी रिश्वत, चुनाव में धांधली, ब्लैकमेल करना, टैक्स चोरी, झूठी गवाही, झूठा मुकदमा, परीक्षा में नकल, परीक्षार्थी का गलत मूल्यांकन, हफ्ता वसूली, जबरन चंदा लेना, न्यायाधीशों द्वारा पक्षपातपूर्ण निर्णय, पैसे लेकर वोट देना, वोट के लिए पैसा और शराब आदि बांटना, पैसे लेकर रिपोर्ट छापना, अपने कार्यों को करवाने के लिए नकद राशि देना यह सब भ्रष्टाचार ही है।

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Answered by haider795
1

Answer:

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Explanation:

भ्रष्टाचार पर अनुच्छेद | Paragraph on Corruption in Hindi!

आज के आधुनिक युग में व्यक्ति का जीवन अपने स्वार्थ तक सीमित होकर रह गया है । प्रत्येक कार्य के पीछे स्वार्थ प्रमुख हो गया है । समाज मे अनैतिकता, अराजकता और स्वार्थ से युत) भावनाओं का बोलबाला हो गया है । परिणाम स्वरूप भारतीय संस्कृति और उसका पवित्र तथा नैतिक स्वरूप कुंभला-सा हो गया है ।

इसका एक कारण समाज में फैल रहा भ्रष्टाचार भी है । भ्रष्टाचार के इस विकराल रुप को धारण करने का सबसे बड़ा कारण यही है कि इस अर्थप्रधान युग में प्रत्येक ब्यूक्ति धन प्राप्त करने में लगा हुआ है । कमरतोड महंगाई भी इसका एक प्रमुख कारण है ।

मनुष्य की आवश्यकताएँ बढ जाने के कारण वह उन्हें पूरा करने के लिए मनचाहे तरीकों को अपना रहा है । भारत के अंदर तो भ्रष्टाचार का फैलाव दिन-भर-दिन बढ़ रहा है । किसी भी क्षेत्र में चले जाएं भ्रष्टाचार का फैलाव दिखाई देता है । भारत के सरकारी व गैर-सरकारी विभाग इस बात का सबसे बड़ा प्रमाण हैं ।

आप यहाँ से अपना कोई भी काम करवाना चाहते हैं, बिना रिश्वत खिलाए काम करवाना संभव नहीं है । मंत्री से लेकर संतरी तक को आपको अपनी फाइल बढ़ताने के लिए पैसे का उपहार चढाना ही पड़ेगा । स्कूल व कॉलेज भी इस भ्रष्टाचार से अछूते नहीं है । बस इनके तरीके दूसरे हैं ।

गरीब परीवारों के बच्चों के लिए तो शिक्षा कॉलेजों तक सीमित होकर रह गई है । नामी स्कूलों में दाखिला कराना हो तो डोनेशन के नाम पर मोटी रकम मांगी जाती है। बैंक जो की हर देश की अर्थव्यवस्था का आधार स्तंभ है वे भी भ्रष्टाचार के इस रोग से पीडित हैं ।

आप किसी प्रकार के लोन के लिए आवेदन करें पर बिना किसी परेशानी के फाइल निकल जाए यह तो संभव नहीं हो सकता । देश की आंतरिक सुरक्षा का भार हमारे पुलिस विभाग पर होता परन्तु आए दिन यह समाचार आते-रहते हैं की आमुक पूलिस अफसर ने रिश्वत लेकर एक गुनाहगार को छोड़ दिया । भारत को यह भ्रष्टाचार खोखला बना रहा है ।

हमें हमारे समाज में फन फैला रहे इस विकराल नाग को मारना होगा । सबसे पहले आवश्यक है प्रत्येक व्यक्ति के मनोबल को ऊँचा उठाना । प्रत्येक व्यक्ति को अपने कर्तव्यों का निर्वाह करते हुए अपने को इस भ्रष्टाचार से बाहर निकालना होगा । यही नहीं शिक्षा में कुछ ऐसा अनिवार्य अंश जोड़ा जाए ।

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