write an essay on chidiyaghar ki sair in Hindi only in 150 to 200 words
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"चिड़ियाघर की सैर "
कई चिड़ियाघर ऐसे केंद्र हैं, जहां दुर्लभ जानवरों को बचाया जाता है, जब वे मरने के खतरे में होते हैं। ये आधुनिक चिड़ियाघर जानवरों को एक प्राकृतिक जीवन देना चाहते हैं, ताकि वे स्वस्थ और सामान्य व्यवहार करें। यह जानवरों के लिए बनाये जाते है, और यहाँ आकर लोग जानवरों को देख भी सकते हैं कि वे प्रकृति में किस तरह से रहते है।
चिड़ियाघर हमेशा खुली जगह में बनाये जाते है। चिड़ियाघर में जाने के लिये हमें सर्वप्रथम एक टिकट लेना होता है, इसके बाद ही हम अंदर प्रवेश कर सकते है। अंदर हमें भरपूर प्राकृतिक वातावरण देखने को मिलता है, वहां हमें कुछ इस तरह प्रतीत होता है जैसे हम किसी जंगल में आ गये हो।
चिड़िया घर में जीव जंतुओं के साथ-साथ प्रकृति की सुंदरता भी देखने को मिलती है। प्रत्येक जानवर और पक्षी के रहने के लिए यहाँ एक ख़ास अलग जगह होती है। जिससे वहां आने बाले लोग इन्हें आसानी से देख सकते हैं और उनके विषय में जान सकते हैं।
चिड़ियाघर में अंदर हमने सबसे पहले एक तालाब देखा जिसमें कई मगरमच्छ थे कुछ पानी में तैर रहे थे, तो कुछ आसपास पड़ी मिट्टी में लेटे हुए थे। उनको देखने के लिए ऊंचाई पर व्यवस्था की गई थी ताकि ये लोगों को नुकसान न पहुंचा सके।
पास ही कुछ दूरी पर कई बड़े-बड़े पिंजरे थे जहाँ कई अलग-अलग पक्षियों की प्रजातियाँ थी। जैसे अलग-अलग रंग के तोते, मैना, पंखों को फैलाते हुए नाचती मोर, चहचहाती गौरया, गुंटरगूं करते हुए कबूतर और अन्य रंगबिरंगी छोटी बड़ी चिड़ियां थी।
उल्लू की प्रजातियों को एक अँधेरी गुफा में रखा गया था क्योंकि उन्हें अँधेरा पसंद होता है और वे अँधेरे में ही अच्छी तरह देख पाते है। आगे एक पुल बना हुआ था जिसके नीचे पानी में हंस और बतख मस्ती में तैर रहे थे।
जंगल का राजा शेर को देखा जो कि भूरे रंग का था। शेर को एक ऐसी जगह रखा गया था जहाँ उसके चारों ओर कुछ गहराई थी। वह हमें दूर सूरज की रोशनी में बैठे बड़ा ही उग्र दिखाई पड़ रहा था। वह बहुत विशालकाय था और उसकी गर्दन पर बड़े-बड़े बाल थे।
उसकी बड़ी बड़ी आँखों में एक अजीव सी चमक थी। वहां स्थित सभी लोग उसकी एक दहाड़ सुनने के लिए बेचेन थे। उसके आसपास खाने के लिए मांस के कुछ टुकड़े डाले हुए थे। मछलीयों के लिए वहां एक मछलीघर था, जिसमें अनेको रंग की छोटी बड़ी मछलियाँ थी। ये मछलियाँ बड़ी सुन्दर दिखाई दे रही थी।
फिर हम बड़े बाड़े के पीछे एक गेंडा देखा वह विशाल ताक़तवर लग रहा था जिसकी मोटी त्वचा थी और ये बहुत भारी था। हमने एक जगह जिराफ, ज़ेबरा, कंगारू, शुतुरमुर्ग और हाथियों को भी देखा।
रेतीले मैदान में कई ऊंट भी दिखाई पड़े। पूरे चिड़ियाघर में घूमने के लिये एक छोटी ट्रेन की व्यवस्था की गई थी, जिसपर बैठकर कई लोग चिड़ियाघर के जानवरों को देखने का मज़ा ले रहे थे, तो कुछ लोग पैदल चलकर वहां घूम रहे थे।
थोड़ी-थोड़ी दूरी पर हर जगह पानी पीने का इंतजाम था तथा बैठने के लिए व्यवस्था थी और कुछ खाने पीने के लिए केनटीन भी थी इसके अलावा कचरा फेंकने के लिए कूड़ेदान भी रखे गये थे। हर जगह पर जाने के रस्ते के संकेत बने हुए थे।
चिडिया घर घूमने का हमारा अनुभव बहुत ही सुन्दर रहा और हमें और बच्चों को बहुत मज़ा। चिड़ियाघर हम सभी को जीवन में एक ना एक बार ज़रूर घुमने जाना चाहिए क्योंकि इससे हमें जानवरों के जीवन के विषय में करीब से जानने का मौका मिलता है और बच्चों को भी कुछ नया सिखने-देखने को मिलता है।
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