WRITE AN ESSAY ON 'KALIDAS KA JEEVAN PARICHAY' IN SANKRIT.
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HLO FRIEND:-)
नाम : कालिदास
जन्म : पहली से तीसरी शताब्दी के बीच ईस पूर्व माना जाता है।
पत्नी : राजकुमारी विद्योत्तमा।
आरंभिक जीवन:
कालिदास किस काल में हुए और वे मूलतः किस स्थान के थे इसमें काफ़ी विवाद है। चूँकि, कालिदास ने द्वितीय शुंग शासक अग्निमित्र को नायक बनाकर मालविकाग्निमित्रम् नाटक लिखा और अग्निमित्र ने १७० ईसापू्र्व में शासन किया था, अतः कालिदास के समय की एक सीमा निर्धारित हो जाती है कि वे इससे पहले नहीं हुए हो सकते। छठीं सदी ईसवी में बाणभट्ट ने अपनी रचना हर्षचरितम् में कालिदास का उल्लेख किया है तथा इसी काल के पुलकेशिन द्वितीय के एहोल अभिलेख में कालिदास का जिक्र है अतः वे इनके बाद के नहीं हो सकते। इस प्रकार कालिदास के प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व से छठी शताब्दी ईसवी के मध्य होना तय है। दुर्भाग्यवश इस समय सीमा के अन्दर वे कब हुए इस पर काफ़ी मतभेद हैं। विद्वानों में द्वितीय शताब्दी ईसा पूर्व का मत। प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व का मत। तृतीय शताब्दी ईसवी का मत। चतुर्थ शताब्दी ईसवी का मत। पाँचवी शताब्दी ईसवी का मत, तथा। छठीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध का मत प्रचलित थे। इनमें ज्यादातर खण्डित हो चुके हैं या उन्हें मानने वाले इक्के दुक्के लोग हैं किन्तु मुख्य संघर्ष प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व का मत और चतुर्थ शताब्दी ईसवी का मत में है।
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HOPE ITS HELP U MY FRIEND...:-)
नाम : कालिदास
जन्म : पहली से तीसरी शताब्दी के बीच ईस पूर्व माना जाता है।
पत्नी : राजकुमारी विद्योत्तमा।
आरंभिक जीवन:
कालिदास किस काल में हुए और वे मूलतः किस स्थान के थे इसमें काफ़ी विवाद है। चूँकि, कालिदास ने द्वितीय शुंग शासक अग्निमित्र को नायक बनाकर मालविकाग्निमित्रम् नाटक लिखा और अग्निमित्र ने १७० ईसापू्र्व में शासन किया था, अतः कालिदास के समय की एक सीमा निर्धारित हो जाती है कि वे इससे पहले नहीं हुए हो सकते। छठीं सदी ईसवी में बाणभट्ट ने अपनी रचना हर्षचरितम् में कालिदास का उल्लेख किया है तथा इसी काल के पुलकेशिन द्वितीय के एहोल अभिलेख में कालिदास का जिक्र है अतः वे इनके बाद के नहीं हो सकते। इस प्रकार कालिदास के प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व से छठी शताब्दी ईसवी के मध्य होना तय है। दुर्भाग्यवश इस समय सीमा के अन्दर वे कब हुए इस पर काफ़ी मतभेद हैं। विद्वानों में द्वितीय शताब्दी ईसा पूर्व का मत। प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व का मत। तृतीय शताब्दी ईसवी का मत। चतुर्थ शताब्दी ईसवी का मत। पाँचवी शताब्दी ईसवी का मत, तथा। छठीं शताब्दी के पूर्वार्द्ध का मत प्रचलित थे। इनमें ज्यादातर खण्डित हो चुके हैं या उन्हें मानने वाले इक्के दुक्के लोग हैं किन्तु मुख्य संघर्ष प्रथम शताब्दी ईसा पूर्व का मत और चतुर्थ शताब्दी ईसवी का मत में है।
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कालिदास का जीवन परिचय :
कालिदास संस्कृत भाषा के सबसे महान कवि और नाटककार थे। कालिदास का जनम पहली से तीसरी शताब्दी के बीच ईसl पूर्व( 150 वर्ष ईसा पूर्व) माना जाता है l महाकवि कालिदास जी संस्कृत के महान कवि कहे जाते हैं|l महाकवि कालिदास चन्द्रगुप्त विक्रमादित्य के समकालीन माने जाते हैं l उनके के नाटकों के समतुल्य माने जाते हैं।छठी शताब्दी ई० के अंतिम चरण में इनकी स्थिति मानी जाती है।
कालिदास के रचनाए निम्नलिखित है l
1) रघुवंश
2) मेघदूत l
Note: अभिज्ञानशाकुंतलम् कालिदास की सबसे प्रसिद्ध रचना है।
Note: मेघदूतम् कालिदास की सर्वश्रेष्ठ रचना है , जिसमें कवि की कल्पनाशक्ति सर्वोत्कृष्ट को प्रस्तुत किया गया है l
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