India Languages, asked by ParthivGandhi4837, 1 year ago

Write an essay on save water in hindi

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Answered by riya6087
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★★★जल संरक्षण★★★

भविष्य में जल की कमी की समस्या को सुलझाने के लिये जल संरक्षण ही जल बचाना है। भारत और दुनिया के दूसरे देशों में जल की भारी कमी है जिसकी वजह से आम लोगों को पीने और खाना बनाने के साथ ही रोजमर्रा के कार्यों को पूरा करने के लिये जरूरी पानी के लिये लंबी दूरी तय करनी पड़ती है। जबकि दूसरी ओर, पर्याप्त जल के क्षेत्रों में अपने दैनिक जरुरतों से ज्यादा पानी लोग बर्बाद कर रहें हैं। हम सभी को जल के महत्व और भविष्य में जल की कमी से संबंधित समस्याओं को समझना चाहिये। हमें अपने जीवन में उपयोगी जल को बर्बाद और प्रदूषित नहीं करना चाहिये तथा लोगों के बीच जल संरक्षण और बचाने को बढ़ावा देना चाहिये।

जीवन के सभी कार्यों को निष्पादित करने के लिये जल की आवश्यकता है जैसे पीने, भोजन बनाने, नहाने, कपड़ा धोने, फसल पैदा करने आदि के लिये। बिना इसको प्रदूषित किये भविष्य की पीढ़ी के लिये जल की उचित आपूर्ति के लिये हमें पानी को बचाने की जरुरत है। हमें पानी की बर्बादी को रोकना चाहिये, जल का उपयोग सही ढंग से करें तथा पानी की गुणवत्ता को बनाए रखें।

ईश्वर के द्वारा धरती पर हमारे जीवन के लिये जल एक अनमोल उपहार है। धरती पर जल की उपलब्धता के अनुसार हम अपने जीवन में जल के महत्व को समझ सकते हैं। धरती पर मौजूद हर चीज और सभी जीव-जन्तुओं को पानी की जरुरत है जैसे इंसान, जानवर, पेड़-पौधे, कीड़े-मकौड़े और दूसरे जीव-जन्तु। धरती पर जल का संतुलन कुछ प्रक्रियाओं के द्वारा होता है जैसे वर्षा और वाष्पीकरण। पृथ्वी का तीन-चौथाई हिस्सा पानी से घिरा हुआ है जबकि, बेहद कम प्रतिशत जल अर्थात् स्वच्छ जल मानव इस्तेमाल के लिये उपलब्ध है। इसलिये, साफ पानी की कमी के साथ समस्या है जो यहाँ पर जीवन को समाप्त कर सकता है।
Answered by sonusinghania
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Answer:

ये सभी के लिये बिल्कुल साफ है कि धरती पर जीवन के अस्तित्व के लिये जल बहुत ही जरूरी है। जीवन जीने से संबंधित हमारी सभी क्रियाओं के लिये जल की आवश्यकता है। हमलोग धरती पर चारों तरफ़ (धरती का लगभग तीन-चौथाई भाग) से पानी से घिरे हुए हैं इसके बावजूद हमलोग भारत और दुनिया के दूसरे देशों में पानी की समस्या से जूझ रहें हैं; क्योंकि महासागर में लगभग पूरे जल का 97% नमकीन पानी है, जो इंसानों के उपयोग के लिये सही नहीं है। धरती पर मौजूद पूरे जल का केवल 3% ही उपयोग लायक है (जिसका कि 70% बर्फ की परत और ग्लेशियर के रुप में है और 1% जल ही पीने लायक पानी के रुप में उपलब्ध है)।

इसलिये, हमें धरती पर स्वच्छ जल के महत्व को समझना चाहिये और अपनी पूरी कोशिश करनी चाहिये कि हम पानी की बर्बादी करने के बजाय उसे बचायें। हमें अपने स्वच्छ जल को औद्योगिक कचरे, सीवेज़, खतरनाक रसायनों और दूसरे गंदगियों से गंदा होने और प्रदूषित होने से बचाना चाहिये। पानी की कमी और जल प्रदूषण का मुख्य कारण हमेशा बढ़ती जनसंख्या और तेजी से बढ़ता औद्योगिकीकरण और शहरीकरण है। स्वच्छ जल की कमी के कारण, निकट भविष्य में लोग अपनी मूल जरुरतों को भी पूरा नहीं कर सकते हैं। भारत के कुछ राज्यों (जैसे राजस्थान और गुजरात का कुछ भाग) में महिलाएँ और लड़कियाँ साफ पानी के लिये लंबी दूरी तय करती हैं। हाल ही में हुए अध्ययनों के अनुसार, ऐसा पाया गया कि लगभग 25% शहरी जनसंख्या की साफ पानी तक पहुंच नहीं है। “जल संरक्षण, जीवन बचाओ और विश्व बचाओ” के उद्देश्य को बनाने के द्वारा सबसे अधिक उपयुक्त तरीकों के माध्यम से स्वच्छ पानी की कमी से निपटने के लिये हमें एक-साथ आने की जरुरत है।

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