write an essay on the quote of swami vivekanand "All love is expansion, all selfishness is contraction" in hindi.
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स्वामी विवेकानंद की गिनती भारत के महापुरुषों में होती है । उस समय जबकि भारत अंग्रेजी दासता में अपने को दीन-हीन पा रहा था, भारत माता ने एक ऐसे लाल को जन्म दिया जिसने भारत के लोगों का ही नहीं, पूरी मानवता का गौरव बढ़ाया । उन्होंने विश्व के लोगों को भारत के अध्यात्म का रसास्वादन कराया । इस महापुरुष पर संपूर्ण भारत को गर्व है ।
प्रेम की विशालता और कृपणता की संकीर्णता |
Explanation:
इंसानी जीवन की सबसे बड़ी संपत्ति अगर कोई चीज़ हैं तो वह है प्रेम | प्रेम अगर सच्चा हो तो यह एक अलौकिक चीज़ है और इससे किसी के जीवन को भी उद्धार किया जा सकता हैं | गौर कीजिएगा की मेँ यहाँ पर आज-कल प्रेम के नाम पर चल रहे खेलों की बात नहीं कर रहा हूँ | मेँ यहाँ बात कर रहा हूँ एक भक्त की उसके इष्ट के लिए प्रेम और श्रद्धा की | एक पुत्र की उसके पिताजी व माताजी के लिए प्रेम | प्रेम की मौलिकता इनती विशाल है की, आप इसके अंदर पूरे तरीके से खो कर भी अपने जीवन को सफल व खुशहाल बना सकते हैं |
परंतु विडंबना की बात यह है की, आज के समय में कृपणता और ईर्षा की भावना ने पूरे तरीके से कब्जा कर लिया हैं | किसी के प्रति घृणा, ईर्षा और जलन की भाव आपको ही सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं | दिल साफ न रखना और दिल खोल कर न जीना तो कैसा जीना | कृपण हो कर सिर्फ दिल के अंदर मौजूद उन छुपी हुई विशेष उपलब्धियों को सिर्फ संकीर्ण ही किया जा सकता हैं |