write an essay on the topic government of 2000 words in Hindi
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18वीं शताब्दी में कवि पोप ने कहा था ”सरकार बनाने के लिए मूर्ख लड़ते हैं ।” इनके इस कथन से तात्पर्य यह है कि जिस सरकार का जनता स्वागत करती है, वही उत्तम सरकार है ।
जनता पर किसी विशेष प्रकार की सरकार को थोपा नहीं जा सकता है; जैसी जनता वैसा शासन, अर्थात जनता जिस प्रकार के शासन अथवा सरकार के योग्य होती है, उसे प्राप्त कर लेती है । अंग्रेजों में राजनैतिक जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना होती है, उनमें अपने अधिकारों को प्राप्त करने का उत्साह होता है, इसलिए उनके लिए प्रजातांत्रिक शासन उचित होता है ।
एशिया के कई देशों ने बिना किसी प्रजातांत्रिक भावना के प्रजातंत्र को शासन व्यवस्था के रूप में अपनाया किन्तु वे असफल रहे । यह अरस्तु द्वारा मान्य शासन व्यवस्था से भी प्रमाणित होता है । राजा के मरने के बाद यदि उसका बेटा प्रशासन को चलाने में विफल हो जाता है, तो धनी वर्ग अथवा उसके सामन्त सरकार का निर्माण करते हैं ।लेकिन धनी वर्ग के ऐश्वर्यपूर्ण जीवन की सीमा निर्धारित की गई थी । लोगों पर उनकी सामर्थ्य से अधिक कर लगाने के कारण उनमें सत्ताधारियों के विरुद्ध विद्रोह की भावना उत्पन्न हुई । विकासशील जनता प्रजातंत्र को प्राथमिकता देती है ।
अरस्तु ने प्रजातंत्र को ‘भीड़तंत्र’ कहा है । प्रजातांत्रिक शासन में अनुभवहीन शक्ति सत्ता संभालती हैं और दूसरों के अधिकारों पर आधिपत्य जमाकर शक्ति का दुरुपयोग करती हैं । इससे प्रजातंत्र का आकर्षण समाप्त हो जाता है और इस स्थिति में जनता के मन में ऐसे प्रभावशाली व्यक्तित्व की आकांक्षा उत्पन्न होती है, जो स्थिति को नियंत्रित कर सके । इस प्रकार तानाशाही का जन्म होता है । पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अन्य देश इसके उदाहरण हैं ।
कोई भी सरकार चाहे कितनी भी निरंकुश क्यों न हो, जनता के सहयोग के बिना कार्य नहीं कर सकती । तानाशाह जनता को दबा कर अपने अधीन रखता है । इराक और पाकिस्तान में धर्म के नाम पर शासन स्थापित है । रूस और चीन में जनता को साम्यवादी आदर्शो की घुट्टी पिलाई जा रही है ।
यदि स्वयं जनता अज्ञानता और निष्कियता की स्थिति में रहना चाहे, तो वहां की जनता निरंकुश शासन के लायक होती हैं । देश की परिस्थितियाँ भी सरकार के रूप को निर्धारित करती है । यदि कोई देश धनी और निर्धन दो वर्गो में विभाजित है, तो सरकार धनी वर्ग के हाथ में आ जाती है ।
अत: सरकार की कार्य प्रणाली ही उसके रूप को स्पष्ट करती है । देश की जनता जिस प्रकार की सरकार के योग्य होगी, वहाँ उसी प्रकार की सरकार का शासन होगा । अपनी सफलता के लिए सरकार को जनता के ऊपर ही ध्यान केन्द्रित करना चाहिए ।
जनता पर किसी विशेष प्रकार की सरकार को थोपा नहीं जा सकता है; जैसी जनता वैसा शासन, अर्थात जनता जिस प्रकार के शासन अथवा सरकार के योग्य होती है, उसे प्राप्त कर लेती है । अंग्रेजों में राजनैतिक जागरूकता और जिम्मेदारी की भावना होती है, उनमें अपने अधिकारों को प्राप्त करने का उत्साह होता है, इसलिए उनके लिए प्रजातांत्रिक शासन उचित होता है ।
एशिया के कई देशों ने बिना किसी प्रजातांत्रिक भावना के प्रजातंत्र को शासन व्यवस्था के रूप में अपनाया किन्तु वे असफल रहे । यह अरस्तु द्वारा मान्य शासन व्यवस्था से भी प्रमाणित होता है । राजा के मरने के बाद यदि उसका बेटा प्रशासन को चलाने में विफल हो जाता है, तो धनी वर्ग अथवा उसके सामन्त सरकार का निर्माण करते हैं ।लेकिन धनी वर्ग के ऐश्वर्यपूर्ण जीवन की सीमा निर्धारित की गई थी । लोगों पर उनकी सामर्थ्य से अधिक कर लगाने के कारण उनमें सत्ताधारियों के विरुद्ध विद्रोह की भावना उत्पन्न हुई । विकासशील जनता प्रजातंत्र को प्राथमिकता देती है ।
अरस्तु ने प्रजातंत्र को ‘भीड़तंत्र’ कहा है । प्रजातांत्रिक शासन में अनुभवहीन शक्ति सत्ता संभालती हैं और दूसरों के अधिकारों पर आधिपत्य जमाकर शक्ति का दुरुपयोग करती हैं । इससे प्रजातंत्र का आकर्षण समाप्त हो जाता है और इस स्थिति में जनता के मन में ऐसे प्रभावशाली व्यक्तित्व की आकांक्षा उत्पन्न होती है, जो स्थिति को नियंत्रित कर सके । इस प्रकार तानाशाही का जन्म होता है । पाकिस्तान, बांग्लादेश तथा अन्य देश इसके उदाहरण हैं ।
कोई भी सरकार चाहे कितनी भी निरंकुश क्यों न हो, जनता के सहयोग के बिना कार्य नहीं कर सकती । तानाशाह जनता को दबा कर अपने अधीन रखता है । इराक और पाकिस्तान में धर्म के नाम पर शासन स्थापित है । रूस और चीन में जनता को साम्यवादी आदर्शो की घुट्टी पिलाई जा रही है ।
यदि स्वयं जनता अज्ञानता और निष्कियता की स्थिति में रहना चाहे, तो वहां की जनता निरंकुश शासन के लायक होती हैं । देश की परिस्थितियाँ भी सरकार के रूप को निर्धारित करती है । यदि कोई देश धनी और निर्धन दो वर्गो में विभाजित है, तो सरकार धनी वर्ग के हाथ में आ जाती है ।
अत: सरकार की कार्य प्रणाली ही उसके रूप को स्पष्ट करती है । देश की जनता जिस प्रकार की सरकार के योग्य होगी, वहाँ उसी प्रकार की सरकार का शासन होगा । अपनी सफलता के लिए सरकार को जनता के ऊपर ही ध्यान केन्द्रित करना चाहिए ।
rohitrajnareshp2h8sw:
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