Hindi, asked by Atal4289, 1 year ago

Writing in Hindi article on tree




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Answered by Rukaiya5603
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पेड़ों को हरा सोना भी कहा जाता है क्योंकि यह बहुत मूल्यवान सम्पदा है। धरती पर जीवन प्रदान करने वाली ऑक्सीजन और पानी प्रदान करने वाला मुख्य साधन पेड़ ही है। ऑक्सीजन प्रदान करने का कार्य और कोई नहीं कर सकता और पेड़ों के बिना पानी की कल्पना करना मुश्किल ही नहीं, नामुमकिन है।

पेड़ वायु प्रदूषण कम करने में हमारी सहायता कर पर्यावरण को शुद्ध रखते हैं। मात्र वायु प्रदूषण ही नहीं ये, हानिकारक रसायनों का छानकर जल को भी साफ करते हैं। हर उद्योग में पेड़ के उत्पाद का मुख्य योगदान रहता है। हमारे दैनिक जीवन में उपयोग होने वाली वस्तुओं में पेड़ों का बहुत महत्व है।

जितने अधिक पेड़ होंगे पर्यावरण भी उतना ही शुद्ध रहेगा। आजकल लोगों को वायु प्रदूषण के कारण कई प्रकार के साँस के एवं अन्य रोगों से पीड़ित होना पड़ रहा है।

यदि पेड़ होंगे तो हवा में मिली हानिकारक गैसों को शोषित कर हमें स्वच्छ हवा प्रदान करेंगे और रोगों से छुटकारा भी। यदि हम पेड़ों की संख्या में वृद्धि करेंगे तो ये प्राकृतिक रुप से हवा को स्वच्छ करने के साथ हमें और भी कई फायदे पहुँचायेंगे। इनकी वृद्धि से हम एयर कंडीशनर के उपयोग से बच कर इससे निकलने वाली हानिकारक गैसों से भी निजात दिलाते हैं। पेड़ के कारण ही हमें भरपूर वर्षा प्राप्त होती है।

पेड़ की जड़े मिट्टी को बांध कर रखती हैं जिनसे भूमि कटाव भी नहीं होता व भूमि जल को अच्छे से अवशोषित कर लेती है। यही जल भूमिगत जल बनकर हमें मनुष्य में पानी के अभाव से बचाता है। पेड़ हमें छाया प्रदान कर गर्मी के प्रभाव से भी धरती को बचाते हैं।

इस अमूल्य सम्पदा की कमी से धरती पर ग्लोबल वार्मिंग, सूखा, भूमि कटाव जैसे समस्यायें अपना विकराल रूप लेती जा रही हैं। यदि हम इस प्राकृतिक आपदाओं से बचना चाहते हैं तो हमें पेड़ों के संरक्षण की ओर कदम उठाने ही होंगे।

यदि आज हम इस दिशा में कार्य करेंगे तभी भावी पीढ़ी को भी इस ओर काम करने की प्रेरणा मिलेगी। ख़ुशी के अवसर पर हम पैसा खर्च करते हैं, दावतें करते हैं लेकिन इन सब के बजाय हम पौधारोपण और पेड़ों का संरक्षण करें तो ये सिर्फ हमारे जान-पहचान वालों के लिए ही नहीं बल्कि मनुष्य के लिए भी ख़ुशी का संकेत होगी।

भारतीय संस्कृति में तो वैसे भी पेड़ों की पूजा की बात कही गई है। एक जिम्मेदार नागरिक बनकर हमें यह सुनिश्चित करना चाहिये कि यदि विकास के नाम पर पेड़ कट रहे हैं तो उनकी क्षतिपूर्ति हेतु कहाँ पौधारोपण हो रहा है?

ईष्वर ने मनुष्य को ही बुद्धि/विवेक का गुण प्रदान किया है। यदि इस बुद्धि का प्रयोग हम विकास के नाम पर प्रकृति को नुकसान पहुँचाने में करते रहे तो यह मनुष्य के विवेक पर धब्बा होगा। अतः आओ हम सब मिलकर संकल्प लें कि हम अपने लिए ही नहीं बल्कि पूरी प्रकृति के लिए पेड़ों के संरक्षण पर कार्य करेंगे और इस धरा को हरा-भरा करेंगे।

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