योग-एक जीवन पद्धति nearly 800 words
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बिना किसी समस्या के जीवन भर तंदरुस्त रहने का सबसे अच्छा, सुरक्षित, आसान और स्वस्थ तरीका योग है। इसके लिए केवल शरीर के क्रियाकलापों और श्वास लेने के सही तरीकों का नियमित अभ्यास करने की आवश्यकता है। यह शरीर के तीन मुख्य तत्वों; शरीर, मस्तिष्क और आत्मा के बीच संपर्क को नियमित करना है। यह शरीर के सभी अंगों के कार्यकलाप को नियमित करता है और कुछ बुरी परिस्थितियों और अस्वास्थ्यकर जीवन-शैली के कारण शरीर और मस्तिष्क को परेशानियों से बचाव करता है। यह स्वास्थ्य, ज्ञान और आन्तरिक शान्ति को बनाए रखने में मदद करता है। अच्छे स्वास्थ्य प्रदान करने के द्वारा यह हमारी भौतिक आवश्यकताओं को पूरा करता है, ज्ञान के माध्यम से यह मानसिक आवश्यकताओं को पूरा करता है और आन्तरिक शान्ति के माध्यम से यह आत्मिक आवश्यकता को पूरा करता है, इस प्रकार यह हम सभी के बीच सामंजस्य बनाए रखने में मदद करता है।
सुबह को योग का नियमित अभ्यास हमें अनगिनत शारीरिक और मानसिक तत्वों से होने वाली परेशानियों को दूर रखने के द्वारा बाहरी और आन्तरिक राहत प्रदान करता है। योग के विभिन्न आसन मानसिक और शारीरिक मजबूती के साथ ही अच्छाई की भावना का निर्माण करते हैं। यह मानव मस्तिष्क को तेज करता है, बौद्धिक स्तर को सुधारता है और भावनाओं को स्थिर रखकर उच्च स्तर की एकाग्रता में मदद करता है। अच्छाई की भावना मनुष्य में सहायता की प्रकृति के निर्माण करती है और इस प्रकार, सामाजिक भलाई को बढ़ावा देती है। एकाग्रता के स्तर में सुधार ध्यान में मदद करता है और मस्तिष्क को आन्तरिक शान्ति प्रदान करता है। योग प्रयोग किया गया दर्शन है, जो नियमित अभ्यास के माध्यम से स्व-अनुशासन और आत्म जागरुकता को विकसित करता है।
योग का अभ्यास किसी के भी द्वारा किया जा सकता है, क्योंकि आयु, धर्म या स्वस्थ परिस्थितियों परे है। यह अनुशासन और शक्ति की भावना में सुधार के साथ ही जीवन को बिना किसी शारीरिक और मानसिक समस्याओं के स्वस्थ जीवन का अवसर प्रदान करता है। पूरे संसार में इसके बारे में जागरुकता को बढ़ावा देने के लिए, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने, संयुक्त संघ की सामान्य बैठक में 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मनाने की घोषणा करने का सुझाव दिया था, ताकि सभी योग के बारे में जाने और इसके प्रयोग से लाभ लें। योग भारत की प्राचीन परम्परा है, जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी और योगियों के द्वारा तंदरुस्त रहने और ध्यान करने के लिए इसका निरन्तर अभ्यास किया जाता है। निक जीवन में योग के प्रयोग के लाभों को देखते हुए संयुक्त संघ की सभा ने 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस के रुप में मनाने की घोषणा कर दी है।
हम योग से होने वाले लाभों की गणना नहीं कर सकते हैं, हम इसे केवल एक चमत्कार की तरह समझ सकते हैं, जिसे मानव प्रजाति को भगवान ने उपहार के रुप में प्रदान किया है। यह शारीरिक तंदरुस्ती को बनाए रखता है, तनाव को कम करता है, भावनाओं को नियंत्रित करता है, नकारात्मक विचारों को नियंत्रित करता है और भलाई की भावना, मानसिक शुद्धता, आत्म समझ को विकसित करता है साथ ही प्रकृति से जोड़ता है।
:) hope this will help you.
सुबह को योग का नियमित अभ्यास हमें अनगिनत शारीरिक और मानसिक तत्वों से होने वाली परेशानियों को दूर रखने के द्वारा बाहरी और आन्तरिक राहत प्रदान करता है। योग के विभिन्न आसन मानसिक और शारीरिक मजबूती के साथ ही अच्छाई की भावना का निर्माण करते हैं। यह मानव मस्तिष्क को तेज करता है, बौद्धिक स्तर को सुधारता है और भावनाओं को स्थिर रखकर उच्च स्तर की एकाग्रता में मदद करता है। अच्छाई की भावना मनुष्य में सहायता की प्रकृति के निर्माण करती है और इस प्रकार, सामाजिक भलाई को बढ़ावा देती है। एकाग्रता के स्तर में सुधार ध्यान में मदद करता है और मस्तिष्क को आन्तरिक शान्ति प्रदान करता है। योग प्रयोग किया गया दर्शन है, जो नियमित अभ्यास के माध्यम से स्व-अनुशासन और आत्म जागरुकता को विकसित करता है।
योग का अभ्यास किसी के भी द्वारा किया जा सकता है, क्योंकि आयु, धर्म या स्वस्थ परिस्थितियों परे है। यह अनुशासन और शक्ति की भावना में सुधार के साथ ही जीवन को बिना किसी शारीरिक और मानसिक समस्याओं के स्वस्थ जीवन का अवसर प्रदान करता है। पूरे संसार में इसके बारे में जागरुकता को बढ़ावा देने के लिए, भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने, संयुक्त संघ की सामान्य बैठक में 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस के रुप में मनाने की घोषणा करने का सुझाव दिया था, ताकि सभी योग के बारे में जाने और इसके प्रयोग से लाभ लें। योग भारत की प्राचीन परम्परा है, जिसकी उत्पत्ति भारत में हुई थी और योगियों के द्वारा तंदरुस्त रहने और ध्यान करने के लिए इसका निरन्तर अभ्यास किया जाता है। निक जीवन में योग के प्रयोग के लाभों को देखते हुए संयुक्त संघ की सभा ने 21 जून को अन्तरराष्ट्रीय योग दिवस या विश्व योग दिवस के रुप में मनाने की घोषणा कर दी है।
हम योग से होने वाले लाभों की गणना नहीं कर सकते हैं, हम इसे केवल एक चमत्कार की तरह समझ सकते हैं, जिसे मानव प्रजाति को भगवान ने उपहार के रुप में प्रदान किया है। यह शारीरिक तंदरुस्ती को बनाए रखता है, तनाव को कम करता है, भावनाओं को नियंत्रित करता है, नकारात्मक विचारों को नियंत्रित करता है और भलाई की भावना, मानसिक शुद्धता, आत्म समझ को विकसित करता है साथ ही प्रकृति से जोड़ता है।
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पद्धति का सूत्रधार महर्षि पतंजली को माना जाता है। सर्वप्रथम महर्षि पतंजलि ने ही योग की सूत्रों का संकलन किया। यह एक ऐसी पद्धति है जिसके माध्यम से शरीर, मन और आत्मा के मध्य संतुलन स्थापित किया जा सकता है। यह हमें शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ रखने का एक स्वाभिविक तरीका है। योग को अपनी दिनचर्या का अंग बना लेने से हम स्वयं को स्वस्थ महसूस करते हैं। योग के जरिए न सिर्फ बीमारियों का निदान किया जाता है, बल्कि स्वयं के अंदर एक नयी ऊर्जा का संचार किया जा सकता है। शरीर को सही आकार में लाने के लिए यह बहुत सुरक्षित, आसान और कारगर तरीका है।
योग मुख्य रूप से आसन, श्वास लेने की कला और अभ्यास पर आधारित पद्धति है। ध्यान और समाधि भी इसके ही अंग हैं परन्तु वर्तमान में केवल आसन, व्यायाम और अनुलोम-विलोम तक ही योग सीमित होकर रह गया है। यह पूरी तरह से अनुशासन पर आधारित पद्धति है। इसकी की सहायता से मन पर काबू पाया जा सकता है और मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है।
योग के लाभ : रोज प्रातः उठकर योगाभ्यास करने से बीमारियों से बचा जा सकता है। छात्रों को तो योग जरूर करना चाहिए क्योंकि इससे यादशात और एकाग्रता में वृद्धि होती है। इसके अभ्यास से मन निर्मल रहता है और कुविचार नहीं आते। योग का नियमित अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्तर पर कई बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है। योगासन या आसन हम अपने शरीर को लचीला बना सकते हैं। यही कारण है की आज ओलम्पिक में भाग लेने वाले जिमनास्ट योग का प्रशिक्षण भी लेते हैं। यह बुढ़ापे को दूर रखने में सहायक है। जो लोग रोजाना योगाभ्यास करते हैं उन्हें उच्च या निम्न रक्तचाप की समस्या नहीं होती है। यह मन की चंचलता को भी काम करता है जिससे अच्छे विचार आते हैं और व्यक्तित्व का सही रूप से विकास होता है।
योग एक व्यावहारिक दर्शन की तरह है जो नियमित अभ्यास के माध्यम से हमारे भीतर आत्म-अनुशासन और आत्म-जागरूकता विकसित करता है। योग किसी भी उम्र में किसी के भी द्वारा अभ्यास किया जा सकता है क्योंकि यह उम्र, धर्म या स्वास्थ्य परिस्थितियों के परे है। योग के लिए बस अनुशासन और दृढ संकल्प ही तू आवश्यक शर्तें हैं। साथ ही यह जीवन में परिवर्तन, शारीरिक और मानसिक समस्याओं के बिना स्वस्थ जीवन प्रदान करता है।
योग दिवस : योग और इससे होने वाले लाभों के बारे में सम्पूर्ण विश्व को अवगत कराने हेतु हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग के रूप में मनाने करने का सुझाव दिया है। जिससे सभी योग का महत्व समझें और इससे लाभ ले सकें। योग एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जिसका सृजन भारत में हुआ। भारत में आज भी योगी इसी कला के निरंतर अभ्यास से स्वस्थ रहकर ध्यान करते हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में योग से होने वाले लाभों को देखकर, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया।
योग के प्रकार : योग में कई शाखाएं हैं जैसे राजयोग, कर्म योग, ज्ञान योग, भक्ति योग और हठ योग। लेकिन जब ज्यादातर लोग भारत या विदेशों में योग के बारे में बात करते हैं, तो उनका आमतौर पर हठ योग होता है, जिसमें ताड़ासन, धनुषासन, भुजंगासन, कपालभांति और अनुलोम-विलोम जैसे कुछ व्यायाम शामिल होते हैं। योग पूरक या वैकल्पिक चिकित्सा की एक महत्वपूर्ण प्रणाली है।
उपसंहार : योग के अनगिनत लाभ हैं, हम केवल यह कह सकते हैं कि योग भगवान द्वारा मानव सभ्यता को दिया गया वरदान है। यह सच में किसी चमत्कार से काम नहीं है की जिन बीमारियों का वर्तमान चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है ,आज योग के माध्यम से लोग उन पर विजय पा रहे हैं। यह शारीरिक और मानसिक लाभ तो देता ही है साथ ही हमें आत्मज्ञान भी कराता है। यह हमारे अंदर प्रकृति के लिए सम्मान भी उत्पन्न करता है।
योग मुख्य रूप से आसन, श्वास लेने की कला और अभ्यास पर आधारित पद्धति है। ध्यान और समाधि भी इसके ही अंग हैं परन्तु वर्तमान में केवल आसन, व्यायाम और अनुलोम-विलोम तक ही योग सीमित होकर रह गया है। यह पूरी तरह से अनुशासन पर आधारित पद्धति है। इसकी की सहायता से मन पर काबू पाया जा सकता है और मानसिक तनाव को कम किया जा सकता है।
योग के लाभ : रोज प्रातः उठकर योगाभ्यास करने से बीमारियों से बचा जा सकता है। छात्रों को तो योग जरूर करना चाहिए क्योंकि इससे यादशात और एकाग्रता में वृद्धि होती है। इसके अभ्यास से मन निर्मल रहता है और कुविचार नहीं आते। योग का नियमित अभ्यास शारीरिक और मानसिक स्तर पर कई बीमारियों से दूर रखने में मदद करता है। योगासन या आसन हम अपने शरीर को लचीला बना सकते हैं। यही कारण है की आज ओलम्पिक में भाग लेने वाले जिमनास्ट योग का प्रशिक्षण भी लेते हैं। यह बुढ़ापे को दूर रखने में सहायक है। जो लोग रोजाना योगाभ्यास करते हैं उन्हें उच्च या निम्न रक्तचाप की समस्या नहीं होती है। यह मन की चंचलता को भी काम करता है जिससे अच्छे विचार आते हैं और व्यक्तित्व का सही रूप से विकास होता है।
योग एक व्यावहारिक दर्शन की तरह है जो नियमित अभ्यास के माध्यम से हमारे भीतर आत्म-अनुशासन और आत्म-जागरूकता विकसित करता है। योग किसी भी उम्र में किसी के भी द्वारा अभ्यास किया जा सकता है क्योंकि यह उम्र, धर्म या स्वास्थ्य परिस्थितियों के परे है। योग के लिए बस अनुशासन और दृढ संकल्प ही तू आवश्यक शर्तें हैं। साथ ही यह जीवन में परिवर्तन, शारीरिक और मानसिक समस्याओं के बिना स्वस्थ जीवन प्रदान करता है।
योग दिवस : योग और इससे होने वाले लाभों के बारे में सम्पूर्ण विश्व को अवगत कराने हेतु हमारे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा को 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग के रूप में मनाने करने का सुझाव दिया है। जिससे सभी योग का महत्व समझें और इससे लाभ ले सकें। योग एक प्राचीन भारतीय परंपरा है जिसका सृजन भारत में हुआ। भारत में आज भी योगी इसी कला के निरंतर अभ्यास से स्वस्थ रहकर ध्यान करते हैं। रोजमर्रा की जिंदगी में योग से होने वाले लाभों को देखकर, संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस घोषित किया।
योग के प्रकार : योग में कई शाखाएं हैं जैसे राजयोग, कर्म योग, ज्ञान योग, भक्ति योग और हठ योग। लेकिन जब ज्यादातर लोग भारत या विदेशों में योग के बारे में बात करते हैं, तो उनका आमतौर पर हठ योग होता है, जिसमें ताड़ासन, धनुषासन, भुजंगासन, कपालभांति और अनुलोम-विलोम जैसे कुछ व्यायाम शामिल होते हैं। योग पूरक या वैकल्पिक चिकित्सा की एक महत्वपूर्ण प्रणाली है।
उपसंहार : योग के अनगिनत लाभ हैं, हम केवल यह कह सकते हैं कि योग भगवान द्वारा मानव सभ्यता को दिया गया वरदान है। यह सच में किसी चमत्कार से काम नहीं है की जिन बीमारियों का वर्तमान चिकित्सा पद्धति में कोई इलाज नहीं है ,आज योग के माध्यम से लोग उन पर विजय पा रहे हैं। यह शारीरिक और मानसिक लाभ तो देता ही है साथ ही हमें आत्मज्ञान भी कराता है। यह हमारे अंदर प्रकृति के लिए सम्मान भी उत्पन्न करता है।
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