Hindi, asked by riitik9062, 8 months ago

योगा का महत्व' इस विषय पर शिक्षक और छात्र के बीच हुआ संवाद।

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Answered by Anonymous
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Answer:

  • स्वाभाविकता-संवाद में स्वाभाविकता होनी चाहिए। पात्रों की अपनी स्थिति, संस्कार आदि को ध्यान में रखकर बोलना चाहिए।
  • पात्रानुकूल भाषा-संवाद में भाग ले रहे छात्रों की भाषा उनकी शिक्षा आयु आदि के अनुरूप होनी चाहिए। एक शिक्षित और
  • उसके साथ संवाद कर रहे अनपढ़ की भाषा में अंतर नज़र आना चाहिए।
  1. प्रभावीशैली-संवाद को बोलने की शैली प्रभावशाली होनी चाहिए। सुनने वाले पर संवादों का असर होना चाहिए।
  • जटिलता से दूर-संवाद की भाषा में जटिलता नहीं होनी चाहिए। इससे सुनने वाला बात को आसानी से समझ सकता है और

यथोचित जवाब देता है।

शालीनता-संवाद की भाषा में शालीनता अवश्य होनी चाहिए। इसमें अशिष्ट भाषा के लिए कोई जगह नहीं होनी चाहिए।

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