यंग के द्विक-स्लिट प्रयोग में रेखाछिद्रों के बीच की दूरी 0.6 मिमी है तथा रेखाछिद्रों से 1.5 मी की दूरी पर रखे हुये पर्दे पर व्यतिकरण देखा जाता है । यदि व्यतिकरण प्रतिरूप के केन्द्रीय फ्रिन्ज से किसी ओर सातवीं दीप्त फ्रिज और तीसरी अदीप्त फ्रिन्ज के बीच दूरी 4.5 मिमी हो, तो प्रयोग में प्रयुक्त प्रकाश की तरंगदैर्ध्य की गणना कीजिये।
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जब प्रकाश व ध्वनि तरंगे किसी अवरोध से टकराती हैं, तो वे अवरोध के किनारों पर मुड जाती हैं और अवरोधक की ज्यामितिय छाया में प्रवेश कर जाती हैं। तरंगो के इस प्रकार मुड़ने की घटना को विवर्तन (Diffraction) कहते हैं। ऐसा पाया गया है कि लघु आकार के अवरोधों से टकराने के बाद तरंगें मुड़ जातीं हैं तथा जब लघु आकार के छिद्रों (openings) से होकर तरंग गुजरती है तो यह फैल जाती है। सभी प्रकार की तरंगों से विवर्तन होता है (ध्वनि, जल तरंग, विद्युतचुम्बकीय तरंग आदि)।
परिचय एवं इतिहास
फ्राउनहोफर विवर्तन:- ऐसा विवर्तन जिसमें प्रकाश स्रोत तथा पर्दा अवरोधक से अनन्त दूरी पर हो।
फ्रेनेल विवर्तन
प्रकाशीय यंत्रों की विभेदन क्षमता (Resolving power of optical instruments)
किरीट या कोरोना (Corona)
विवर्तन और व्यतिकरण में भेद
बाहरी कड़ियाँ
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