योगा और व्यायाम पर चर्चा करते हुए दो मित्रों में संवाद लिखिए।
Answers
Answer:
शाम - मनुष्य के जीवन में आरंभ से ही व्यायाम का महत्व रहा है। व्यायाम के बिना मनुष्य अधूरा है। व्यायाम से जहाँ स्वास्थ्य बढ़ता है, वहीं शारीरिक सुंदरता भी बढ़ती है। मनुष्य को चाहिए कि वह नियमित रूप से व्यायाम करे।
राम - क्या मित्र अकेले अकेले क्या बोले जा रहे हो ?
शाम - आओ राम , मेरी कल परीक्षा है बस उसी ी तैयारी कार रहा हूँ ?
राम - मेरी तो तैयारी हो गयी । व्यायाम के लाभ वाला प्रश्न तो बहुत इम्पोर्टेन्ट है ।
शाम - वही पढ़ रहा हूँ ।
राम - हमें तो दो लाइन लिखवाई है ।
शाम - अच्छा, हमारी मैम ने तो पूरा पहरा लिखवाया है ।
राम - अच्छा सुनाओ ।
शाम - आज के भागदौड़ भरे जीवन में हम व्यायाम के महत्व को नजर अंदाज़ कर देते हैं, इससे हमारे शरीर पर विपरीत प्रभाव पड़ता है। हम आलसी होते जाते हैं। हमारा शरीर बैडोल हो जाता है। हमें मोटापा, मानसिक तनाव, उच्च या निम्नरक्तचाप जैसी अनेक बीमारियाँ आ घेरती हैं। यदि हम नियमित रूप से व्यायाम करते रहते हैं, तो हमारा स्वास्थ्य ठीक रहता है। हम चुस्त-दुरूस्त बने रहते हैं। इससे बीमारियाँ भी दूर रहती हैं साथ ही डॉक्टर और दवाईयों में आने वाला खर्चा भी कम हो जाता है। विद्यार्थियों के लिए तो व्यायाम उत्तम औषधी के समान है। खेल भी व्यायाम करने का उत्तम साधन है।
पढ़ाई करने के बाद खेलने से मन को नई शक्ति प्रदान होती है। खेलने से विद्यार्थियों में उपजा तनाव कम होता है। लगातार पढ़ने से उत्पन्न झुंझलाहट भी समाप्त हो जाती है। शरीर मज़बूत बनता है। पढ़ाई में मन लगा रहता है। इन सब बातों को देखते हुए हम कह सकते हैं कि व्यायाम हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत आवश्यक हैं।
राम - शुक्रिया बताने के लिए , मुझे पेपर देना में भी प्रिंट करवा लूँ ।
♛ xXMrsBewafaXx ♛
Answer:
निहाल : अंकित जब तक में छात्रावास में नहीं आया था तब तक घर से दूर रहकर पढ़ने के बारे में सोचते ही डर लगता था कि यहाँ पर अपना कौन होगा?
अंकित : मैं तो कक्षा पाँच से ही छात्रावास में हूँ इसलिए कभी कुछ ऐसा महसूस ही नहीं किया।
निहाल : पिताजी को लगता है कि कुछ समय छात्रावास में रहने से बच्चे आत्मनिर्भर हो जाते ।
अंकित : सही कहते हो मित्र। ऐसा सच में होता है। जब छुट्टियों में मैं घर जाता हूँ तब अपने चचेरे भाई-बहनों और दोस्तों को देख कर यही लगता है।