) 'योगी सर्वकाळ सुखदाता' ही काव्यपंक्ती स्पष्ट करणारी दोन उदाहरणे प्रस्तुत अभंगाच्या आधारे लिहा.
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1यू योगी सरकार सुख जानता ही काव्य पंक्ति स्पष्ट करनारी दो उदाहरण में प्रस्तुत अभंगाचा आधारित
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उत्तर प्रदेश में ‘उत्तर प्रदेश संगठित अपराध नियंत्रण विधेयक’ (यूपीकोका) लागू करने की तैयारी कर रही राज्य सरकार ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ख़िलाफ़ दर्ज एक मुक़दमा वापस लेने का आदेश दिया है.1995 में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, शिव प्रताप शुक्ला (केंद्रीय वित्त राज्य मंत्री), शीतल पांडेय (सहजनवा से भाजपा सांसद) और दस दूसरे लोगों के ख़िलाफ़ निषेधाज्ञा का उल्लंघन करने का केस दर्ज किया गया था.इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, मामला गोरखपुर ज़िले के पीपीगंज थाने में दर्ज किया गया था. स्थानीय अदालत में विचाराधीन इस मुक़दमे में इससे पहले कोर्ट में हाज़िर न होने की वजह से सभी आरोपियों के ख़िलाफ़ ग़ैर ज़मानती वॉरंट जारी करने का निर्देश दिया गया था.गोरखपुर के अभियोजन अधिकारी बीडी मिश्रा ने बताया, ‘मामले के सभी नामज़द आरोपियों के ख़िलाफ़ कोर्ट ने ग़ैर ज़मानती वॉरंट जारी करने का निर्देश दिया गया था, लेकिन इन्हें कभी जारी नहीं किया गया.’ More in भारत : कोरोना वायरस: भारत में कुल मामले 60 लाख के पार, विश्व में मृतक संख्या 10 लाख के क़रीबसुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार की अपील ख़ारिज की, कहा- अपलोड होने के बाद ही प्रभावी होंगे ई-गजटविरोध के बीच राष्ट्रपति ने कृषि विधेयकों को मंज़ूरी दी, पंजाब में तीन भाजपा नेताओं का इस्तीफ़ासड़क पर आए दिल्ली में बंद पड़े कोचिंग सेंटर्स के शिक्षकबिहार सरकार से ऐतिहासिक ‘पटना कलेक्ट्रेट’ ध्वस्त न करने की अपीलकोविड-19: केंद्रीय सुरक्षा बलों में संक्रमण के 36,000 से अधिक मामले,128 जवानों की मौत रिपोर्ट के अनुसार, बीते 20 दिसंबर को उत्तर प्रदेश सरकार ने गोरखपुर ज़िला मजिस्ट्रेट को एक पत्र भेजा है जिसमें निर्देश दिया गया है कि इस मामले को रद्द करने के लिए कोर्ट में अपील की जाए.इस आदेश पत्र में कहा गया है कि 27 अक्टूबर को ज़िला मजिस्ट्रेट से मिले एक पत्र और मामले से जुड़े तथ्यों की जांच के आधार पर यह निर्णय लिया गया है कि इस मामले को वापस ले लिया जाए.राज्य सरकार की ओर से भेजे गए इस आदेश पत्र में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, शिव प्रताप शुक्ला, शीतल पांडेय और 10 दूसरे लोगों के नामों का भी ज़िक्र किया गया है.इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में गोरखपुर के अतिरिक्त ज़िला मजिस्ट्रेट (सिटी) रजनीश चंद्र ने इस बात की पुष्टि की है कि मुक़दमा रद्द के संबंध में कोर्ट में अपील करने का आदेश मिला है.रजनीश चंद्र ने बताया, ‘अभियोजना अधिकारी से संबंधित अदालत में मुक़दमा रद्द करने के लिए अपील करने को कहा गया है.