Hindi, asked by vaishalid429, 4 months ago

योग शास्त्र के अनुसार हमारा शरीर किस प्रकार का है​

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Answered by itzcutejatni
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Explanation:

प्राण' का अर्थ योग अनुसार उस वायु से है जो हमारे शरीर को जीवित रखती है। शरीरांतर्गत इस वायु को ही कुछ लोग प्राण कहने से जीवात्मा मानते हैं। इस वायु का मुख्‍य स्थान हृदय में है।

इस वायु के आवागमन को अच्छे से समझकर जो इसे साध लेता है वह लंबे काल तक जीवित रहने का रहस्य जान लेता है। क्योंकि वायु ही शरीर के भीतर के पदार्थ को अमृत या जहर में बदलने की क्षमता रखती है।

उपर 'प्राण' का अर्थ जान ा औ र अब जानिए आयाम का अर्थ। आयाम के दो अर्थ है- प्रथम नियंत्रण या रोकना, द्वितीय विस्तार और दिशा। व्यक्ति जब जन्म लेता है तो गहरी श्वास लेता है और जब मरता है तो पूर्णत: श्वास छोड़ देता है। प्राण जिस आयाम से आते हैं उसी आयाम में चले जाते हैं।

हम जब श्वास लेते हैं तो भीतर जा रही हवा या वायु पांच भागों में विभक्त हो जाती है या कहें कि वह शरीर के भीतर पांच जगह स्थिर और स्थित हो जाता हैं। लेकिन वह स्थिर और स्थितर रहकर भी गतिशिल रहती है।

Answered by ItZkeshavi93
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आसन का शाब्दिक अर्थ है- संस्कृत शब्दकोष के अनुसार आसनम् (नपुं.)[आस्+ल्युट]1.बैठना,2.बैठने का आधार, 3.बैठने की विशेष प्रक्रिया 4.बैठ जाना इत्यादि।

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