Hindi, asked by guptqpawan47, 8 months ago

योग द्वारा रोग प्रतिरोधक शक्ति का विकास कैसे होता
है​

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Answered by tarunkumar22032003
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Answer:

आधुनिक जीवन शैली में हमारा आहार, विहार, आचरण जिस तरह प्रभावित हुआ है उसका हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता यानी इम्यून सिस्टम पर बड़ा नकारात्मक असर पड़ा है। जब शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति अंदर से कमजोर हो जाती है तब व्यक्ति जल्दी-जल्दी बीमार पड़ने लगता है। सर्दी, जुखाम, खांसी, बुखार, सिर दर्द आदि बीमारियां लगातार शरीर को जकड़े रखती हैं। आज के जीवन में टॉक्सिन, प्रदूषण, भोजन का गलत चयन तथा नकारात्मक विचार हमारे इम्यून सिस्टम को कमजोर बना देते हैं। पाचन तंत्र का ठीक न होना भी इस रोग का बहुत बड़ा कारण है। आप जो कुछ खाते हैं उसका पचना जरूरी है। जब भोजन ठीक से पच जाता है तब सप्त धातु का निर्माण होता है। भोजन से शरीर में रस, रक्त, मांस, मेद, अस्थि, मज्जा तथा अंतिम धातु शुक्र (वीर्य) बनता है, जो कि शरीर को चलाने में अत्यधिक महत्त्वपूर्ण है। अगर हमारा पाचन तंत्र ठीक न हो तो सप्त धातु में दोष आने लगता है, जिसके कारण रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है। अत्यधिक चिंता, तनाव, विफल होने का भाव, नींद का पूरा न होना, भय, अविश्वास आदि भी रोग उत्पन्न करने में सहायक हैं। प्रोसेस्ड फूड यानी डिब्बाबंद खाना शरीर के लिए हानिकारक है। जन्म से लेकर दो-तीन वर्ष की आयु तक बच्चों को सबसे अधिक प्रोसेस्ड फूड खिलाया जाता है। इसी उम्र का भोजन बच्चे के स्वास्थ्य की नींव होता है और आगे चल कर इस प्रकार का भोजन बच्चे का इम्यून सिस्टम कमजोर कर देता है।

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