ये साल भी उदासियाँ दे कर चला गया,
तुमसे मिले बगैर दिसंबर चला गया,
आज एक और बरस बीत गया उसके बगैर
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आँखें थक गई है आसमान को देखते देखते
पर वो तारा नहीं टूटता ,जिसे देखकर तुम्हें मांग लूँ
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अंदर्णीय माननीय निलेश कुमार जी को नव वर्ष की ढेर सारी शुभ कामना......................
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