यात्रा : एक पावन तीर्थ की"" पाठ के आधार पर अण्डमान एवं निकोबार के विषय में विस्तार से लिखिए।
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“यात्रा एक पावन तीर्थ” पाठ के आधार पर अंडमान एवं निकोबार के विषय में वर्णन —
अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह भारत के पूर्वी समुद्री क्षेत्र में स्थित एक द्वीप समूह है। यह लगभग 572 छोटे-बड़े द्वीपों का एक समूह है। इन सभी द्वीपों का कुल क्षेत्रफल 8249 वर्ग किलोमीटर है। इन 572 छोटे-बड़े द्वीपो में से केवल 36 द्वीपों पर ही जनजीवन है, बाकी सारे द्वीप निर्जन हैं।
अंडमान द्वीप की लंबाई 467 किमी और चौड़ाई 52 किमी है और निकोबार द्वीप समूह की लंबाई 259 किमी और चौड़ाई 58 किमी है। अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह की खोज सबसे पहले लेफ्टिनेंट आर्चिबाल्ड ब्लेयर तथा लेफ्टिनेंट कोल ब्रुक ने 1738 में की थी। अंडमान लेफ्टिनेंट आर्चिबाल्ड ब्लेयर के नाम पर किया गया था।
अंडमान निकोबार द्वीप समूह की राजधानी का नाम पोर्ट ब्लेयर है। पोर्ट ब्लेयर से अंडमान निकोबार तक पहुंचने में लगभग 12 घंटे का समय लगता है और वहाँ जाने के लिए स्थानीय प्रशासन से इसकी स्वीकृति लेनी पड़ती है। अंडमान निकोबार द्वीप समूह के अनेक द्वीपों में अनेक तरह की आदिवासी जनजातियां निवास करती हैं, जिनमें जारवा, ओंगी, अंडमानीज, निकोबारी, केरेन, सेन्टिनिलीज आदि के नाम प्रमुख हैं। अंडमान-निकोबार द्वीप समूह की राजधानी पोर्ट ब्लेयर में हिंदू, मुस्लिम, सिख, ईसाई, बौद्ध, जैन आदि सभी तरह के धर्मों के लोग रहते हैं। जब अंग्रेज शासन करते थे तब द्वीप समूह की राजधानी रॉस द्वीप होता था, लेकिन दूसरे विश्व युद्ध के बाद यह द्वीप जापानियों के अधीन आ गया और उन्होंने इस दिल को तहस-नहस कर दिया था। उसके बाद पोर्टब्लेयर को राजधानी बनाया गया।
अंग्रेजों द्वारा काला-पानी की सजा के अन्तर्गत अंडमान-निकोबार द्वीप समूह पर ही भेजा जाता था।