ज़यादा स्वायत्तता की चाह में प्रदेशों ने क्या माँगे उठाई है?
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Answer with Explanation:
ज़यादा स्वायत्तता की चाह में प्रदेशों ने निम्न माँगे उठाई है :
- डी० एम० के० पार्टी ने भारत एवं संविधान की प्रभुसत्ता एवं अखंडता के अंतर्गत राज्यों के लिए अधिकतम शक्तियों की मांग की।
- संविधान में संशोधन करके अवशिष्ट शक्तियां केंद्र सरकार की बजाय राज्य सरकारु को दी जाएं।
- अकाली दल ने राज्यों के लिए और अधिक वित्तीय स्वायत्तता की मांग की।
- राज्य सरकारों के विकास के लिए ऋण एवं अनुदान देने की कुछ हद तक स्वतंत्र होनी चाहिए।
- राज्यों को और अधिक प्रशासनिक अधिकार दिए जाने चाहिए।
- हिंदी भाषा को ज़बरदस्ती गैर हिंदी भाषाई राज्यों पर लागू न किया जाए।
आशा है कि यह उत्तर आपकी अवश्य मदद करेगा।।।।
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बहुत-से प्रदेश राज्यपाल की भूमिका को लेकर नाखुश क्यों हैं?
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यदि शासन संविधान के प्रावधानों के अनुकूल नहीं चल रहा, तो ऐसे प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाया जा सकता है। बताएँ कि निम्नलिखित में कौन सी स्थिति किसी देश में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिहाज से संगत है और कौन-सी नहीं। संक्षेप में कारण भी दें।
(क) राज्य की विधान सभा के मुख्य विपक्षी दल के दो सदस्यों को अपराधियों ने मार दिया है और विपक्षी दल प्रदेश की सरकार को भंग करने की माँग कर रहा है।
(ख) फिरौती वसूलने के लिए छोटे बच्चों के अपहरण की घटनाएँ बढ़ रही हैं। महिलाओं के विरुद्ध अपराधों में इज़ाफा हो रहा है।
(ग) प्रदेश में हुए हाल के विधान सभा चुनाव में किसी दल को बहुमत नहीं मिला है। भय है कि एक दल दूसरे दल के कुछ विधायकों से धन देकर अपने पक्ष में उनका समर्थन हासिल कर लेगा।
(घ) केंद्र और प्रदेश में अलग-अलग दलों का शासन है और दोनों एक-दूसरे के कट्टर शत्रु हैं।
(ङ) सांप्रदायिक दंगे में 200 से ज्यादा लोग मारे गए हैं।
(च) दो प्रदेशों के बीच चल रहे जल विवाद में एक प्रदेश ने सर्वोच्च न्यायालय का आदेश मानने से इनकार कर दिया है।
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