Hindi, asked by vvvivekpatelvp, 8 months ago

युवा तनाव को समझाइए।​

Answers

Answered by vy1551128
8

Explanation:

युवाओं में बढ़ता मानसिक तनाव

मानव जीवन की भूमिका बचपन है तो वृद्धावस्था उपसंहार है। युवावस्था जीवन की सर्वाधिक ऊर्जावान अवस्था होती है। इस अवस्था में किसी किशोर या किशोरी को उचित-अनुचित का भलीभांति ज्ञान नहीं हो पाता है और यह धीरे – धीरे मानसिक तनाव का कारण बनता है। मानसिक तनाव का अर्थ है मन संबंधी द्वंद्व की स्थिति। आज का किशोर, युवावस्था में कदम रखते ही मानसिक तनाव से घिर जाता है। आंखों में सुनहरे सपने होते हैं लेकिन जमाने की ठोकर उन सपनों को साकार होने से पूर्व ही तोड़ देती है। युवा बनना कुछ और चाहते हैं लेकिन कुछ पर विवश हो जाते हैं। यहीं से मानसिक तनाव की शुरुआत होती है।

युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करके डॉक्टर, इंजीनियर बनकर धनोपार्जन कर सुख-सुविधा युक्त जीवन निर्वाह करना चाहते हैं परंतु जब उनका उद्देश्य पूर्ण नहीं हो पाता तो उनका मन असंतुष्ट हो उठता है और मानसिक संतुलन गड़बड़ा जाता है। शिक्षा से प्राप्त उपलब्धियां उन्हें निरर्थक प्रतीत होती हैं। वर्तमान युग में लड़का हो या लड़की, सभी स्वावलंबी होना चाहते हैं, मगर बेरोजगारी की समस्या हर वर्ग के लिए अभिशाप सा बन चुकी है। मध्यम वर्ग के लिए तो यह स्थिति अत्यंत कष्टदायी होती है। जब इस प्रकार की स्थिति हो जाती है तो जीवन में आए तनाव से मुक्ति पाने के लिए वे आत्महत्या जैसे कदम उठाने को बाध्य हो जाते हैं। महिलाओं की स्थिति तो पुरुषों की तुलना में ज्यादा ही खतरनाक है। वर्ष 2012 की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की तकरीबन 57 फीसदी महिलाएं मानसिक विकारों की शिकार बनीं। विश्व स्वास्थ्य संगठन के एक आंकड़े पर गौर करें तो हम पाते हैं कि हर पांच में एक महिला और हर बारह में एक पुरुष मानसिक व्याधि का शिकार है। देश में लगभग 50 प्रतिशत लोग किसी न किसी गंभीर मानसिक विकार से जूझ रहे हैं। सामान्य मानसिक विकार के मामले में तो आंकड़ा और भी भयावह है। इनमें महिलाओं के आंकड़े सबसे अधिक हैं।

Similar questions