Hindi, asked by priya4918, 11 months ago

yab danturit Muskan me Agar Bachche ki maa Madhyam Na Hoti to kavi kisi se vanchit rahi Jata​


Anonymous: कवि को इस बात का जरा भी अफसोस नहीं है कि बच्चे से पहली बार में उसकी जान पहचान नहीं हो पाई है। लेकिन वह इस बात के लिए उस बच्चे और उसकी माँ का शुक्रिया अदा करना चाहता है कि उनके कारण हि कवि को भी उस बच्चे के सौंदर्य का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। कवि तो उस बच्चे के लिए एक अजनबी है, परदेसी है इसलिए वह खूब समझता है कि उससे उस बच्चे की कोई जान पहचान नहीं है।
priya4918: thanks dear ❤❤
Anonymous: WLCM
Anonymous: ATB

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Answered by chanchal12345
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यह दंतुरित मुसकान पाठ में बच्चे का परिचय संसार से करवाने में मां के मुख्य भूमिका थी अगर वही ना होती तो बच्चा कवि या ने अपने ही पिता से वंचित रह जाता

मानव महीने तक अपने बच्चे को गर्भ में रखकर का जन्म देकर प्यार देती है और संसार में सबसे उसका परिचय कराती है

 <marquee behavior =move bgcolor =skyblue><h1>BONJOUR ✿●‿●✿</h1></marquee >

 <marquee behavior =move bgcolor =pink><h1>.  यह दंतुरित मुसकान </h1></marquee >

>>>>कवि शिशु की मनोहरी दंतुरित मुस्कान को देख कर कहता है कि इस दंतुरित मुस्कान से मृतक में जान आ जाएगी

>>>>> कवि नागार्जुन द्वारा लिखी कविता यह दंतुरित मुस्कान में बच्चे की सुंदरता और दंतुरित मुस्कान को बिंबो के माध्यम से दर्शाया गया है

>>>> बच्चे के धूल से सने शरीर से ऐसा लगता है मानो झोपड़ी में भी कमल खिल उठा हो और बास और बबूल के पेड़ों से से शेफालिका के फूल झड़ने लगे हैं

>>>साथ ही शिशु की दंतुरित मुस्कान से पत्थर भी मानव के घर का जलधारा बन सकते हैं

** आशा करते हैं आपको इस उत्तर से लाभ मिलेगा

Answered by Anonymous
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कवि को इस बात का जरा भी अफसोस नहीं है कि बच्चे से पहली बार में उसकी जान पहचान नहीं हो पाई है। लेकिन वह इस बात के लिए उस बच्चे और उसकी माँ का शुक्रिया अदा करना चाहता है कि उनके कारण हि कवि को भी उस बच्चे के सौंदर्य का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ है। कवि तो उस बच्चे के लिए एक अजनबी है, परदेसी है इसलिए वह खूब समझता है कि उससे उस बच्चे की कोई जान पहचान नहीं है।

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