Yadi mai cricketer hota essay
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क्रिकेट एक घर के बाहर खेला जाने वाला खेल है जिसे खासतौर से बच्चे बहुत पसंद करते है और अपने युवा दिनों में एक अच्छा क्रिकेटर बनने का सपना देखते है। ये एक बड़े खुले मैदान में बल्ले और बॉल के इस्तेमाल से खेला जाता है। ये दो टीमों के मध्य खेला जाता है जिसमें 11-11 खिलाड़ी होते है। इसे एक 22 गज के लंबे आयताकार पिच के मैदान के एक केन्द्र में खेला जाता है। बल्लेबाजी करने के दौरान इसका इस्तेमाल बल्लेबाज रन लेने के लिये करता है और पारी के रुप में रन प्राप्त करने की कोशिश करता है।
दोनों टीमों में से एक टीम गेंदबाज और दूसरी टीम बल्लेबाज कहलाती है। बल्लेबाज का विकेट लेने के लिये गेंदबाज गेंद को बल्ले से दूर फेंकने का प्रयास करता है। एक बल्लेबाज़ तब तक बल्लेबाज़ी करता है जब तक वो कोई गलती करके आउट न हो जाए। जो कोई भी टीम बैटिंग शुरु करती है वो तब तक बैटिंग करती है जब तक कि उसके 10 बल्लेबाज़ आउट न हो जाए या 6 बॉल के ओवर के निश्चित संख्या पूरी न हो जाए।
यदि मैं क्रिकेटर होता
यदि मैं क्रिकेटर होता,तो मैं भी अपने देश का नाम बिल्कुल उसी तरह रोशन करता जिस तरह कपिल देव, सुनील गावस्कर, सचिन तेंदुलकर, वीरेंद्र सहवाग, अनिल कुंबले जैसों खिलाड़ियों ने अपने देश का नाम रोशन किया है।
अगर मुझे क्रिकेटर बनने का मौका मिलता तो मैं ऑलराउंडर क्रिकेटर बनने को प्राथमिकता देता। मैं बल्लेबाजी, गेंदबाजी और फील्डिंग तीनों क्षेत्रों में अपना कमाल दिखाने की कोशिश करता। मैं चाहता था कि एक अच्छे ऑलराउंडर के रूप में अपने देश का प्रतिनिधित्व कर और विश्व के जाने-माने आलराउंडर के रूप में अपना नाम दर्ज कराऊं।
हमारे देश के क्रिकेट खिलाड़ियों की एक कमजोरी रही है कि वे बाहर देशों में खासकर दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड और ऑस्ट्रेलिया में अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाते हैं। इस कारण हमारा देश इन देशों में नही जीत पाती। यदि मैं क्रिकेटर होता तो मैं विदेशों में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करता। खासकर इन देशों में इंग्लैंड, ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका जैसे देशों में अच्छा प्रदर्शन करने की कोशिश करता ताकि इन देशों में भी हमारा देश विजयी पताका लहरा कर लौटे।
एक क्रिकेटर के रूप में मेरी प्राथमिकता अपने देश का प्रतिनिधित्व करने की होती और मैं पैसे अधिक मिलने वाले क्लबों से खेलने की बजाए अपने देश की टीम के लिए खेलने को हमेशा प्राथमिकता देता। देश के लिए खेलने में जो गर्व का अहसास होता है, वो किसी क्लब या किसी फ्रेंचाइजी आदि के लिए खेलने में नहीं होताय़ मैं हर हाल में अपने देश के लिये सबसे पहले खेलता।