Hindi, asked by udeshya2498, 11 months ago

यहाँ कवि तुलसी की दोहा, चौपाई, सोरठा, कवित्त, सवैया - ये पाँच छंद प्रयुक्त हैं। इसी प्रकार तुलसी साहित्य में और छंद तथा काव्य - रुप आए हैं। ऐसे छंदों व काव्य - रूपों की सूची बनाएँ।

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Answered by rithickbhaskar
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The answer is wrong on above sentence

Answered by bhatiamona
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यहाँ कवि तुलसी की दोहा, चौपाई, सोरठा, कवित्त, सवैया - ये पाँच छंद प्रयुक्त हैं। इसी प्रकार तुलसी साहित्य में और छंद तथा काव्य - रुप आए हैं।

ऐसे छंदों व काव्य - रूपों की सूची इस प्रकार है :

तुलसीदासजी ने इसके अतिरिक्त बरवै, हरिगीतिका तथा छप्पय जैसे छंदों का भी प्रयोग किया है। इसी प्रकार तुलसीदासजी ने प्रबंध काव्य के रूप में रामचरितमानस, मुक्तक काव्य रूप में विनयपत्रिका तथा गेय पद शैली में कृष्ण गीतावली, गीतावली तथा विनयपत्रिका की रचना की है।

तुलसी द्वारा प्रयुक्त छंद  

दोहा – चोपाई  

सोरठा – कवित्त  

सवैया – बरवै

छप्पय – हरिगीतिका

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