Hindi, asked by rawopin4555, 1 year ago

यह दंतुरित मुस्कान के व्याख्या लिखें

Answers

Answered by kritanshu
3
यह दंतुरित मुस्कान के व्याख्या:

अबोध शिशु ! तुम्हारे नेता तो की मुस्कुराहट मरते हुए भी जान डाल देने वाली है | तुम्हारे धूल लिपटे यह ध्यान पैसे लगते हैं जैसे तालाबों से निकलकर कमल मेरी झोपड़ी में खिल गए हो | ओ प्राण स्वरूप ! शिशु संभवत: तुम्हारी ही स्पर्श पाकर मेरे प्राणों का प्रसाण पीछल कर जल बन गया हो | तुम्हारे शरीर को छू कर ऐसा लगता है जैसे शेफाली के फूल झड़ने लगे यानी मन आनंद से झूम उठा | तुम मुझे पहचान सके हो कि मेरा पर्स पर्स पर्स अथवा बबूल जैसा किसी प्रकार का था | यहां पास और बबूल कहने से कवि का आशय कोमल शिशु की तुलना में उसकी अपनी कठोरता से हैं | क्या तुम मुझे एकटक देखते ही रहोगे | यदि तुम थक गए हो तो मैं अपनी नजरें तुम पर से हटा देता हूं | कोई बात नहीं यदि तुम से मेरा परिचय एक बार में ना हो सका | मैं तुम्हारी मां का आभार मानता हूं | जिसके कारण तुम्हारा जीवन संभव हुआ और मैं तुम्हारे नवजीवन को देख और जान पाया | ओ शिशु ! तुम्हारी यह नए-नए दांतो की मुस्कान नए जीवन का संदेश देती है |
Answered by Anonymous
0

\huge\bf{Answer:-}

1957 पोलिश लघु फिल्म रोमन पोलांस्की द्वारा लिखित और निर्देशित। एक आदमी किसी इमारत की बाहरी सीढ़ी से नीचे जाता है, वह एक छोटी सी खिड़की से गुजरता है। वह अंदर देखता है और वहाँ एक युवा महिला वॉशबेसिन पर खड़ी है, अपने बालों को एक तौलिया के साथ सुखा रही है जो उसके चेहरे को कवर करती है। दरवाजा खोलने से आदमी बाधित होता है, कब्जा करने वाले खाली बोतलें लाने लगते हैं। आदमी सीढ़ियों से नीचे उतरने लगता है, दरवाजा बंद होने के बाद ही खिड़की पर लौटता है। वह फिर से खिड़की में देखता है और हैरान होता है।

Similar questions