यह
वक्ती का भावार्थ लिखिल
घोर अंधकार हो,
चल रही बयार हो,
आज द्वार-द्वार पर यह दिया बुझे नहीं,
यह निशीथ का दिया ला रहा विहान है।
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Answer:I don’t Hindi
That is not my mistake
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