History, asked by shingararaman5, 8 months ago

ਆਧੁਨਿਕ ਭਾਰਤ ਵਿੱਚ ਵਰਖਾ ਲਈ ਕਿਸ ਵੈਦਿਕ ਦੇਵਤੇ ਨੂੰ ਪ੍ਰਸੰਨ ਕਰਨ ਲਈ ਯੱਗ ਕੀਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ ? Yajnas are performed in modern India to please which Vedic deity for rain ? आधुनिक भारत में बारिश के लिए किस वैदिक देवता को प्रसन्न करने के लिए यज्ञ किए जाते हैं ?*

ਅਗਨੀ Agni अग्नि

ਇੰਦਰ Indra इंद्र

ਵਰੁਣ Varun वरुण

ਰੂਦਰ Rudra रुद्र

Answers

Answered by guptaanmol770
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Explanation:

उज्जैन. रामायण व महाभारत में ऐसे अनेक राजाओं का वर्णन मिलता है, जिन्होंने अनेक महान यज्ञ किए थे। देवताओं को प्रसन्न करने के लिए भी यज्ञ किए जाने की परंपरा है। आज हम आपको प्राचीन काल में किए जाने वाले प्रमुख यज्ञों के बारे में बता रहे हैं-

अश्वमेघ यज्ञ

यह यज्ञ चक्रवर्ती सम्राट बनने के किया जाता था। इसमें एक राजा अपने घोड़े को अन्य राज्यों में भेजता था। जो राजा उस घोड़े को पकड़ता, उसे चक्रवर्ती सम्राट बनने की इच्छा रखने वाले राजा से युद्ध करना पड़ता था।

राजसूय यज्ञ

इसमें एक राजा अपनी सेना को अन्य राज्यों से कर( धन) लेने भेजता था। जो राजा कर नहीं देते उनके साथ युद्ध कर टैक्स (कर) वसूला जाता था।

पुत्रेष्ठि यज्ञ

यह यज्ञ पुत्र प्राप्ति के लिए किया जाता था। राजा दशरथ ने यही यज्ञ किया था, जिससे उनके यहां 4 पुत्रों का जन्म हुआ।

विश्वजीत यज्ञ

यह यज्ञ विश्व को जीतने के उद्देश्य से किया जाता था। भगवान श्रीराम के पूर्वज महाराज रघु ने ये यज्ञ किया था।

सोमयज्ञ

ये यज्ञ सभी के कल्याण की कामना के लिए किया जाता है। वर्तमान समय में ये यज्ञ किया जाता है।

पर्जन्य यज्ञ

यह यज्ञ अच्छी बारिश की कामना से किया जाता है। यह यज्ञ आज भी किया जाता है।

इन यज्ञों के अलावा विष्णु यज्ञ, शतचंडी यज्ञ, रूद्र यज्ञ, गणेश यज्ञ आदि किए जाते हैं। ये सभी परंपरा में हैं।

Answered by sharanyalanka7
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Explanation:

ਬੁਨਿਆਦੀ ਅਧਿਕਾਰ ਭਾਰਤੀ ਸੰਵਿਧਾਨ ਦਾ ਇੱਕ ਮਹੱਤਵਪੂਰਨ ਹਿੱਸਾ ਹਨ। ਇਹ ਭਾਰਤੀ ਨਾਗਰਿਕਾਂ ਨੂੰ ਸ਼ਾਂਤੀ ਅਤੇ ਸਦਭਾਵਨਾ ਨਾਲ ਜੀਵਨ ਜਿਉਣ ਦਾ ਅਧਿਕਾਰ ਦਿੰਦੇ ਹਨ। ਇਹ ਅਧਿਕਾਰ ਵਿਸ਼ਵ ਦੇ ਲਗਭਗ ਸਾਰੇ ਲੋਕਤੰਤਰਾਂ ਵਿੱਚ ਮੌਜੂਦ ਹੁੰਦੇ ਹਨ ਜਿਵੇਂ ਕਿ ਕਾਨੂੰਨ ਦੇ ਸਾਹਮਣੇ ਸਮਾਨਤਾ, ਬੋਲਣ ਦੀ ਆਜ਼ਾਦੀ, ਇਕੱਠੇ ਹੋਣ ਦੀ ਆਜ਼ਾਦੀ ਅਤੇ ਆਪਣੇ ਧਰਮ ਨੂੰ ਪੂਜਣ ਦੀ ਆਜ਼ਾਦੀ ਆਦਿ। ਇਹਨਾਂ ਅਧਿਕਾਰਾਂ ਦੀ ਉਲੰਘਣਾ ਕਰਨ ਤੇ ਭਾਰਤੀ ਦੰਡ ਵਿਧਾਨ ਅਧੀਨ ਸਜ਼ਾ ਹੋ ਸਕਦੀ ਹੈ।

ਬੁਨਿਆਦੀ ਅਧਿਕਾਰ ਮਨੁੱਖੀ ਆਜ਼ਾਦੀ ਦਾ ਮੁਢਲਾ ਸਿਧਾਂਤ ਹਨ ਅਤੇ ਹਰੇਕ ਭਾਰਤੀ ਦੀ ਸ਼ਖ਼ਸੀਅਤ ਦੇ ਸਹੀ ਵਿਕਾਸ ਲਈ ਇਹ ਜਰੂਰੀ ਹਨ। ਇਹ ਅਧਿਕਾਰ ਵਿਆਪਕ ਤੌਰ 'ਤੇ ਸਭ ਨਾਗਰਿਕਾਂ ਨੂੰ ਬਿਨਾ ਕਿਸੇ ਭੇਦ ਭਾਵ ਦੇ ਦਿੱਤੇ ਜਾਂਦੇ ਹਨ। ਭਾਰਤੀ ਸੰਵਿਧਾਨ ਦੇ ਅਨੁਛੇਦ 12 ਤੋਂ 35 ਵਿੱਚ ਇਹਨਾਂ ਅਧਿਕਾਰਾਂ ਬਾਰੇ ਦੱਸਿਆ ਗਿਆ ਹੈ।

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